जिला मुख्यालय पर लंबे समय से मौसम केंद्र नहीं होने का विषय अब संसद तक पहुंच गया है।
राजसमंद. जिला मुख्यालय पर लंबे समय से मौसम केंद्र नहीं होने का विषय अब संसद तक पहुंच गया है। इस महत्वपूर्ण मुद्दे को राजसमंद की सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में उठाया। उल्लेखनीय है कि राजस्थान पत्रिका ने वर्ष 2024 में जिले में मौसम केंद्र के अभाव को लेकर लगातार सवाल उठाए थे। इसी क्रम में 21 नवंबर 2024 को पिछले पांच माह से नहीं मिल रही मौसम की जानकारी शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया गया था।
संसद के शीतकालीन सत्र में सांसद महिमा कुमारी मेवाड़ ने लोकसभा में नियम 377 के तहत राजसमंद जिले में आधुनिक और पर्याप्त मौसम उपकरणों की कमी का मुद्दा रखा। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि जिले में आज भी मौसम संबंधी जानकारी के लिए पुराने और पारंपरिक तरीकों पर निर्भर रहना पड़ता है। सटीक और समयबद्ध मौसम पूर्वानुमान के अभाव में इसका सबसे अधिक नुकसान किसानों को उठाना पड़ता है। इससे बुवाई, कटाई, फसलों की सुरक्षा और उत्पादन की गुणवत्ता सीधे तौर पर प्रभावित होती है।
सांसद ने कहा कि यदि राजसमंद जिले में आधुनिक उपकरणों से युक्त मौसम केंद्र की स्थापना की जाती है, तो किसानों को समय पर और सही मौसम जानकारी उपलब्ध हो सकेगी। इससे कृषि कार्यों की बेहतर योजना बनाना संभव होगा और फसल संबंधी जोखिम भी कम होंगे। इसके साथ ही यह व्यवस्था कृषि आधारित उद्योगों, जल प्रबंधन और अन्य औद्योगिक गतिविधियों के लिए भी उपयोगी साबित होगी।महिमा कुमारी मेवाड़ ने केंद्र सरकार से इस दिशा में शीघ्र ठोस कदम उठाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि आधुनिक मौसम केंद्र की स्थापना जिले के किसानों की आय बढ़ाने, नुकसान कम करने और कृषि क्षेत्र को आधुनिक तकनीक से जोड़ने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होगी।