यदि करदाता विभाग से मिले नोटिस का जवाब नहीं देता है तो जीएसटी विभाग पेनल्टी लगा सकता है।
रतलाम. यदि करदाता विभाग से मिले नोटिस का जवाब नहीं देता है तो जीएसटी विभाग पेनल्टी लगा सकता है। पेनल्टी व किसी प्रकार की परेशानी से बचने के लिए नोटिस मिलने पर उसका समय पर जवाब देवें। यह बात मुख्य वक्ता जेपी डफरिया ने कही। वे कर सलाहकार परिषद् की स्टडी सर्किल की बैठक में जीएसटी अधिनियम की धारा 73,74 एवं 122 के बारे में सदस्यों को जानकारी दे रहे थे। उन्होंने बताया कि नोटिस प्राप्त होने पर सर्वप्रथम कौन सी धारा में नोटिस है यह देखे। कौन सी धारा का कब उपयोग करना चाहिए। इस बात का ध्यान रखे। यदि आप करमुक्त वस्तु का व्यापार कर रहे हैं तो धारा 73 में पेनल्टी नहीं लगेगी। अध्यक्षता सी बी रावत ने की। दोनों वक्ताओं को स्मृति चिह्न एवं एसडी पुरोहित अवार्ड गौरव चौरडिय़ा, जयेश खिमेसरा, राजेश खाबिया, पुष्पराज छजलानी ने प्रदान किए। संचालन सचिव राकेश भटेवरा ने किया। आभार मनीष गुगलिया ने माना।
पूर्व के कोर्ट निर्णयों की जानकारी दें
आयकर अपील को लेकर के सीए एसएल चपलोत ने कई महत्वपूर्ण जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अपील के दौरान करदाता अपील अधिकारी को पूर्ण तथ्य बताएं। साथ ही पूर्व में हुए कोर्ट के निर्णयों की भी जानकारी दें । अपील के साथ में निर्धारित फीस का भुगतान कर चालान संलग्न करें। डिमांड आर्डर एवं ग्राउंड्स ऑफ़ अपील भी लगाए। स्टेटमेंट ऑफ़फैक्ट्स एवं ग्राउंड्स ऑफ़ अपील में क्यों अपील कर रहे है उसकी जानकारी भी देें।
इन्होंने लिया चर्चा में भाग
चर्चा में दिलीप पाटनी, अरविन्द मेहता, अंचल मूणत, संदीप मूणत, माधव काकानी, अशोक भंडारी, केदार अग्रवाल, विवेक खंडेलवाल, रजनीश जैन, अनिल परवाल, निशिथ दासोत, मोहित श्रीमाल आदि ने भाग लिया।