कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को दादा दरबार मंदिर में भगवान हनुमान के गुप्त प्राकट्योत्सव पर शाम को 251 मिट्टी के दीये जलाकर आरती की गई।
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को दादा दरबार मंदिर में भगवान हनुमान के गुप्त प्राकट्योत्सव पर शाम को 251 मिट्टी के दीये जलाकर आरती की गई। मंदिर परिसर दीपों की रोशनी से जगमगा उठा। भक्तों ने हनुमान चालीसा का पाठ कर आरती की। मंदिर के मुख्य पुजारी ने बताया कि शिवपुराण, वायुपुराण और वाल्मीकि रामायण में इस प्राकट्योत्सव का उल्लेख है। जगतगुरु रामानंदाचार्य ने अपनी कृति श्री वैष्णव मदाब्जभास्कर में भी हनुमत उद्भव की बात कही है। इस अवसर पर पं. चंद्रभान तिवारी, पं. जयकुमार शुक्ला, पं. नितिन कोरपाल, जयप्रकाश शुक्ला, मदन गोपाल सोनी, सोनू पटेल, सत्यम अग्निहोत्री, संदीप नेमा, टीकाराम मुंशी, आर्या ओमरे, अविका, परी रायकवार, ओजस्वी, जया, आशी सहित बड़ी सख्या में भक्त शामिल हुए।