सागर

महिला के गले में पांच दिन तक अटका रहा पेंसिल छीलने का शार्पनर, 25 मिनट की सर्जरी में डॉक्टरों ने बचाई जान

बीएमसी में सफल सर्जरी… महिला खाना पीना था बंद, डॉक्टर्स की टीम के सामने थीं कई चुनौतियां सागर. मानसिक बीमार एक महिला पेंसिल छीलने वाला शार्पनर निगल गई। शार्पनर गले में जाकर अटक गया। 5 दिन तक महिला का खाना-पीना बंद रहा और सांस लेने में भी परेशानी होने लगी, लेकिन परिजन समझ नहीं पा […]

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Jul 15, 2025
सुभाष नगर में महिला ने निगला शार्पनर

बीएमसी में सफल सर्जरी... महिला खाना पीना था बंद, डॉक्टर्स की टीम के सामने थीं कई चुनौतियां

सागर. मानसिक बीमार एक महिला पेंसिल छीलने वाला शार्पनर निगल गई। शार्पनर गले में जाकर अटक गया। 5 दिन तक महिला का खाना-पीना बंद रहा और सांस लेने में भी परेशानी होने लगी, लेकिन परिजन समझ नहीं पा रहे थे कि उसको हुआ क्या है। जब घर के बच्चे ने बताया कि महिला उसका पेंसिल छीलने का शार्पनर मुंह में दबाए थी, तब परिजन को माजरा समझ आया। आनन-फानन उसे बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज लेकर पहुंचे। यहां बीएमसी के ईएनटी के डॉक्टरों की टीम ने फौरन सर्जरी का निर्णय लिया। करीब 2 घंटे में जांच और ऑपरेशन के बाद महिला की जान बचाने में कामयाब हो गए।

45 मिनट में हो गई जटिल ऑपरेशन की पूरी तैयारी-

दरअसल, सुभाषनगर निवासी 30 वर्षीय महिला को सोमवार की दोपहर 12.30 बजे गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज के कैजुअल्टी वार्ड में लाया गया था। जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर ने मरीज का एक्स-रे सहित अन्य जांच कराईं तो शार्पनर गले में अटका दिखा। ऑपरेशन की जरूरत थी तो ईएनटी डॉक्टर्स बुलाए गए, एनेस्थीसिया की टीम तैयार की गई और 45 मिनट में महिला ऑपरेशन थियेटर में पहुंच गई।

2 विभागों टीमों के सामने थीं 2 बड़ी चुनौतियां-

1.15 बजे शुरू हुए ऑपरेशन में एनेस्थीसिया डॉ. अजय सिंह और उनकी टीम के सामने चुनौती सामने आई कि वयस्क महिला को बेहोश करने 8 नंबर की ट्यूब कैसे डाली जाए, क्योंकि सांस नली में सूजन व आहार नली गलने से जगह नहीं बन रही थी। इसमें जान का भी खतरा था, ऐसे में 4 नंबर ट्यूब डाली गई। दूसरी चुनौती ईएनटी विभाग के डॉ. दिनेश जैन की टीम को आई, क्योंकि सूजन से गले में प्रेशर ज्यादा था, चमड़ी गल गई थी। टीम ने बेहद सावधानी से शार्पनर बाहर निकाला। 25 मिनट में यह ऑपरेशन पूरा किया गया।

अब महिला खतरे से बाहर

शार्पनर निकालने के बाद डॉक्टर को डर था कि शार्पनर से आहार नली की जो चमड़ी गल गई है वहां खाना-पीना से घाव में संक्रमण हो सकता है, लिहाजा महिला को खाने-पीने के लिए अलग से नली डाली गई। पूरी प्रक्रिया 2.30 बजे तक खत्म कर ली गई, यानी 2 घंटे में महिला की जांच, ऑपरेशन व भर्ती करने की पूरी प्रक्रिया की गई। फिलहाल महिला खतरे से बाहर है, उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है।

24 घंटे लेट हो जाते तो हो जाती अनहोनी

मीडिया प्रभारी डॉ. विशाल भदकारिया ने कहा कि आहार नली में यह शार्पनर 2 दिन और रहता तो आहार नली में छेद हो जाता और फेंफड़ों में गंभीर संक्रमण का खतरा था। वहीं सांस नली में सूजन आ चूकी थी यदि सूजन और बढ़ती तो 24-48 घंटे में महिला सांस भी नहीं ले पाती।

Published on:
15 Jul 2025 10:21 pm
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