क्षेत्र में दलहनी फसलें तो किसानों ने घर में सुरक्षित कर लीं हैं लेकिन अभी भी गेहूं की 40 प्रतिशत फसल खेतों में ही है।
जिले में अगले 2 दिनों में बारिश, आंधी-तूफान का येलो अलर्ट मौसम विभाग ने जारी किया है। बारिश के इस अलर्ट से किसानों की चिंता बढ़ गई है। क्षेत्र में दलहनी फसलें तो किसानों ने घर में सुरक्षित कर लीं हैं लेकिन अभी भी गेहूं की 40 प्रतिशत फसल खेतों में ही है। बारिश हुई तो थ्रेसिंग के लिए रखी करीब 10 प्रतिशत गेहूं की फसल को नुकसान हो सकता है। मौसम वैज्ञानिक विवेक छलोत्रे ने बताया कि वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) की वजह से अप्रेल की शुरूआत बारिश के साथ हो सकती है। तेज हवा, ओलावृष्टि की आशंका है।
जिले में इस वर्ष रबी सीजन का रकबा करीब 5.55 लाख हेक्टेयर था। करीब 2 लाख हेक्टेयर की चना, मसूर, मटर, सरसों, अलसी, जौ जैसी फसलें आ चुकीं हैं। वहीं 3. 05 लाख हेक्टेयर में लगी गेहूं की फसल में से करीब करीब 90 हजार हेक्टेयर की फसल अभी भी खेतों में है। जिन किसानों ने हार्वेस्टर से कटाई करा ली उन्हें दिक्कत नहीं है लेकिन जिन्होंने कटर मशीन या मजदूरों से कटाई कराई लेकिन थ्रेसिंग नहीं करा पाए उन्हें बारिश में नुकसान की आशंका है।
सर्वाधिक वर्षा 1994 में 86.4 मिमी दर्ज हुई थी।
24 घंटे में सर्वाधिक वर्षा 10 अप्रेल 1994 को 51.5 मिमी हुई थी।
न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री 8 अप्रेल 1926 को दर्ज हुआ था।
अधिकतम पारा 44.4 डिग्री 18 अप्रेल 2010 को दर्ज हुआ था।
मौसम विभाग ने बारिश की आशंका जताई है, ऐसे में किसान खेतों में थ्रेसिंग के लिए रखी फसल को सुरक्षित कर लें, जिन्होंने अभी कटाई नहीं की है वह एक-दो दिन के लिए कटाई करना टाल दें।
राजेश कुमार त्रिपाठी, कृषि उपसंचालक।