वर्ष 2018 में खुला था विश्वविद्यालय, उस समय कम खर्च में हो जाता काम
सिवनी. राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय में चौथे कुलगुरु के नियुक्ति के बाद भवन बनाने को लेकर प्रक्रिया तेज हो गई है। शासन स्तर से पीआईयू से रिवाइल्ड बजट भी मांगा गया है। उम्मीद है कि जल्द ही भवन के लिए बजट मिल जाएगा और सिवनी, छिंदवाड़ा, बालाघाट, पांढुर्ना जिले के विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा। जानकारों का कहना है कि अगस्त 2018 में राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। उस समय आर्किटेक द्वारा विश्वविद्यालय भवन का नक्शा बनाया गया था। 486.45 करोड़ का बजट आवंटन भी किया गया था। हालांकि छह साल में निर्माण सामग्री के दाम काफी बढ़ चुके हैं। ऐसे में मास्टर प्लान के हिसाब से भवन बनाने में 600 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। बताया जाता है कि बीते दिनों विश्वविद्यालय के नए कुलगुरु प्रो. इन्द्र त्रिपाठी एवं कुलसचिव डॉ. युवराज पाटिल ने ऑनलाइन माध्यम से आर्किटेक से विश्वविद्यालय भवन के मास्टर प्लान को लेकर पूरी जानकारी ली थी। कुलगुरु मास्टर प्लान को देखकर काफी प्रभावित भी हैं। ऐसे में इसमें कोई छेड़छाड़ भी नहीं होगी। कुलगुरु ने बीते दिन उच्च शिक्षा विभाग मंत्री एवं राज्यपाल से मुलाकात भी की है।
उत्तरपुस्तिका के लिए भी जगह नहीं
वर्तमान में विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा के पीजी कॉलेज के लाइब्रेरी भवन में संचालित हो रहा है। जगह प्रर्याप्त नहीं है। अधिकारी छोटे-छोटे कमरे में बैठते हैं। आलम यह है कि कई बार उत्तरपुस्तिकाओं को रखने की जगह नहीं बचती। बरामदे में रखी जाती है। चूहों के कुतरने का खतरा रहता है। खुद का भवन होता तो विश्वविद्यालय यह सभी व्यवस्थाएं बना लेता। बताया जाता है कि विश्वविद्यालय उत्तरपुस्तिकाओं को रखने के लिए टीन शेड बनवा रहा है। विश्वविद्यालय से संबंद्ध सिवनी, बालाघाट, छिंदवाड़ा, पांढुर्ना जिले के कॉलेजों के विद्यार्थियों की लगभग डेढ़ लाख उत्तरपुस्तिका रखी जाएगी। इसके लिए विश्वविद्यालय को भवन की आवश्यकता है।
विश्वविद्यालय ने कराया सीमांकन
विश्वविद्यालय के भवन के लिए ग्राम सारना में लगभग 125 एकड़ भूमि का आवंटन एवं 486.45 करोड़ का बजट आवंटन भी किया गया था। विश्वविद्यालय के लिए 325 पदों की स्वीकृति भी शासन द्वारा दी जा चुकी है, बीते दिन विश्वविद्यालय ने भूमि का सीमांकन कराया और अब चारों तरफ से बाउंड्रीवॉल भी बनाई जा रही है। ताकि भविष्य में कोई अतिक्रमण न कर सके और विश्वविद्यालय की भूमि सुरक्षित रहे।
सिवनी के विद्यार्थियों को होगा फायदा
विश्वविद्यालय के भवन बन जाने से सिवनी जिले के विद्यार्थियों को भी काफी फायदा मिलेगा। विश्वविद्यालय की योजना है कि रोजगार परक कोर्स खोले जाएं। ऐसे में विद्यार्थी कोर्स पूरा होने के बाद सीधे रोजगार से जुड़ जाएंगे। यह
90 लाख रुपए हुआ था आवंटन
कुछ वर्ष पहले शासन ने विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 486.45 करोड़ की प्रशासकीय स्वीकृति के एवज में महज 90 लाख रुपए आवंटित कर औपचारिकता पूरी की थी। जबकि जबलपुर में स्थापित धर्मशास्त्र विश्वविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 27 करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे। इसके बाद भी शासन ने विश्वविद्यालय के प्रति ध्यान नहीं दिया। उपेक्षा की वजह से विश्वविद्यालय केवल परीक्षा एवं परिणाम तक सीमित रह गया है। हालांकि अब उम्मीदें बढ़ गई है।
इनका कहना है…
विश्वविद्यालय भवन के लिए राज्यपाल एवं उच्च शिक्षा मंत्री से मुलाकात की गई थी। इस संबंध में शासन एवं पीआईयू के बीच पत्राचार भी हो रहा है। उम्मीद है कि जल्द ही भवन के लिए बजट मिलेगा और काम शुरु होगा।
प्रो. इंद्र त्रिपाठी, कुलगुरु, आरएसएस विवि, छिंदवाड़ा