राजधानी में लोकपरिवहन बसों के संचालन को लेकर हाल ही लिए गए परिवहन विभाग के फैसले ने सिंधी कैंप बस स्टैंड पर अव्यवस्था और विवाद दोनों बढ़ा दिए हैं। विभाग ने नारायण सिंह सर्कल को नो-पार्किंग जोन घोषित करते हुए वहां से लोकपरिवहन बसों का संचालन बंद कर दिया है। परंतु, तय बस स्टैंड बजरी […]
राजधानी में लोकपरिवहन बसों के संचालन को लेकर हाल ही लिए गए परिवहन विभाग के फैसले ने सिंधी कैंप बस स्टैंड पर अव्यवस्था और विवाद दोनों बढ़ा दिए हैं। विभाग ने नारायण सिंह सर्कल को नो-पार्किंग जोन घोषित करते हुए वहां से लोकपरिवहन बसों का संचालन बंद कर दिया है। परंतु, तय बस स्टैंड बजरी मंडी की बजाय अधिकतर बसें अब सिंधी कैंप से संचालित की जा रही हैं, जिससे यहां भीड़भाड़ और शोरगुल में इजाफा हो गया है।
यात्री बेहाल
सिंधी कैंप पर पहले से ही रोडवेज और लोकपरिवहन की कई बसें संचालित हो रही थीं। अब नारायण सिंह सर्कल की बसों के आगमन से हालात और बिगड़ गए हैं। यात्री सुविधाएं चरमराने लगी हैं और आमजन को ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ रहा है।
दो गुटों में बंटे बस संचालक, बढ़ा विरोध
परिवहन विभाग ने लोकपरिवहन बसों के लिए बजरी मंडी बस स्टैंड निर्धारित किया था। लेकिन वहां जाने से इनकार करते हुए, नारायण सिंह सर्कल के बस संचालकों ने अपनी बसें सीधे सिंधी कैंप से चलाना शुरू कर दिया। इस पर पहले से सिंधी कैंप से बसें चला रहे संचालकों ने विरोध जताया। इससे दो गुटों में टकराव की स्थिति बन गई है।
अब नारायण सिंह सर्कल के संचालक सिंधी कैंप से ही बस संचालन की अनुमति की आधिकारिक मांग कर रहे हैं। यह मांग मुख्यमंत्री तक पहुंच चुकी है, जिससे मामला और गरमा गया है।
आरटीओ ने गठित की कमेटी, करेगी निरीक्षण
मामले की गंभीरता को देखते हुए परिवहन विभाग ने जयपुर आरटीओ (प्रथम) को जांच के निर्देश दिए हैं। आरटीओ ने एक विशेष कमेटी गठित की है, जो सिंधी कैंप और बजरी मंडी बस स्टैंड का मौका मुआयना करेगी। यह कमेटी वहां की वर्तमान सुविधाओं, ट्रैफिक दबाव और संचालन क्षमता का आंकलन कर रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी।