राज्य

3 जिले बने मगर जिला परिषद अलवर से ही चल रही, पार्षद और अधिकारी हो रहे चकरघिन्नी

राज्य सरकार ने अलवर के टुकड़े करके कोटपूतली-बहरोड़ और खैरथल-तिजारा जिला बना दिया। साल की शुरुआत में इन जिलों में जिला परिषद का गठन भी कर दिया गया है, लेकिन चुनाव नहीं होने से पूरा सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है।

2 min read
May 15, 2025

राज्य सरकार ने अलवर के टुकड़े करके कोटपूतली-बहरोड़ और खैरथल-तिजारा जिला बना दिया। साल की शुरुआत में इन जिलों में जिला परिषद का गठन भी कर दिया गया है, लेकिन चुनाव नहीं होने से पूरा सिस्टम गड़बड़ाया हुआ है। अब भी मॉनिटरिंग अथॉरिटी अलवर है।

ऐसे में जिला पार्षदों और अधिकारियों को अलवर का फेरा लगाना ही पड़ रहा है। इसका सीधा असर इन जिलों के विकास पर पड़ रहा है। जिस दिन अधिकारी अलवर आते हैं, उस दिन जनता के काम अटक जाते हैं।

दरअसल, सरकार इन एक राज्य एक चुनाव की थीम पर काम शुरू किया है। यही वजह है कि निकायों और जिला परिषद का कार्यकाल पूरा होने के बाद वहां प्रशासक की नियुक्ति की जा रही है। अलवर में जिला परिषद बोर्ड का गठन हुए करीब साढ़े तीन साल का समय हो चुका है।

यह कार्यकाल पूरा होने में अभी डेढ़ साल का समय बचा है। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि एक साथ चुनाव होने पर ही नए जिलों में जिला परिषद बन सकेगी। अभी नए जिलों में एसीईओ कार्यरत हैं। जो सीधे तौर पर सीईओ जिला परिषद के मातहत हैं और उन्हें बैठकों में शामिल होने के लिए अलवर ही आना पड़ रहा है।

शिक्षा का ढांचा भी अधूरा

नए जिलों में शिक्षा का ढांचा भी अधूरा है। इन जिलों में जिला शिक्षा अधिकारी तो लगा दिए, लेकिन मुय जिला शिक्षा अधिकारी, डाइट और समसा अलवर से ही संचालित हो रहे हैं। इसी तरह तीनों जिलों के बेरोजगारों का रजिस्ट्रेशन अलवर के जिला रोजगार कार्यालय में हो रहा है।

जिला प्रमुख जता चुके हैं नाराजगी

साधारण सभा की बैठक अलवर में ही होती है। इसमें तीनों जिलों के पार्षद शामिल होते हैं। लेकिन कई बार अधिकारी बैठकों में नहीं पहुंच पाते हैं। इसे लेकर जिला प्रमुख और पार्षद नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। कई बार तो नोटिस देने तक की चेतावनी दी जा चुकी है।

अलवर जिले में रह जाएंगे 26 पार्षद

जिला परिषद अलवर में जिला पार्षदों की संया 49 है। इसमें कोटपूतली-बहरोड़ में 12 व खैरथल-तिजारा में 11 पार्षद जाएंगे। ऐसे में अलवर के हिस्से में 26 ही आएंगे। नए जिलों का जो सीमांकन हुआ है उसके आधार पर जिला पार्षद भी अपने-अपने क्षेत्रों में रहेंगे। हालांकि जिला परिषद का पुनर्गठन होगा तो तीनों जिलों में ही पार्षदों की संया में इजाफा होगा।

यह भी पढ़ें:
Alwar News: रूपारेल नदी होगी अतिक्रमण मुक्त, टेंडर किया जारी

Published on:
15 May 2025 12:45 pm
Also Read
View All

अगली खबर