Shortest day 21 दिसंबर को सबसे छोटा दिन जबकि 13 घंटे 20 मिनट तक रात
आज यानि 21 दिसंबर का दिन खगोलीय नजरिए से अनूठा है। शनिवार को सबसे छोटा दिन है, रात बड़ी रहनेवाली है। 13 घंटे 20 मिनट तक अंधेरा पसरा रहेगा। 21 दिसंबर को सूर्य के मकर रेखा पर लंबवत होने से दिन की अवधि सबसे छोटी और रात की अवधि बड़ी रहेगी। दिन की अपेक्षा रात करीब 3 घंटे तक ज्यादा बड़ी रहेगी। भारत समेत उत्तरी गोलार्ध में शनिवार को सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी। खगोल विद बताते हैं कि सायन पद्धति के अनुसार 21 दिसम्बर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा और इसके बाद सूर्य सायन उत्तरायण प्रारंभ हो जाएगा।
उज्जैन की जीवाजी वेधशाला में इस खगोलीय घटना के बारे में समझने के लिए शनिवार को बड़ी संख्या में स्कूली छात्र पहुंचे। स्कूली बच्चों ने जीवाजी वेधशाला में यंत्रों को भी देखा।
वेधशाला के अधीक्षक डॉ.आरपी गुप्त के अनुसार 21 दिसंबर को सूर्य के मकर रेखा पर लंबवत होने से शनिवार को सूर्य की क्रान्ति 23 अंश 26 कला 16 विकला दक्षिण होगी। इससे उत्तरी गोलार्ध के देशों में सबसे छोटा दिन तथा सबसे बड़ी रात होगी। इसमें भारत भी शामिल है।
उज्जैन में 21 दिसम्बर को सूर्योदय 7.04 बजे हुआ जबकि सूर्यास्त 5.44 बजे होगा। इस प्रकार दिन की अवधि 10 घंटे 40 मिनट की होगी जबकि आज की रात की अवधि 13 घंटे 20 मिनट की होगी।
खगोल विदों के मुताबिक 21 दिसम्बर को सूर्य सायन मकर राशि में प्रवेश करेगा। 21 दिसम्बर के बाद सायन उत्तरायण प्रारंभ हो जाएगा यानि सूर्य की गति उत्तर की ओर होना शुरु हो जाएगी। सूर्य की गति बदलने के कारण अब उत्तरी गोलार्ध में दिन धीरे-धीरे दिन बड़े होने लगेंगे और रात छोटी होने लगेगी।
इसी क्रम में 20 मार्च 2025 को नई खगोलीय घटना घटेगी। इस दिन सूर्य विषुवत रेखा पर लंबवत होगा। ऐसे में 20 मार्च को दिन और रात की अवधि बराबर होगी।