अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस हर साल 9 दिसंबर को मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि किन 10 देशों में सबसे ज़्यादा भ्रष्टाचार है और किन 10 देशों में सबसे कम भ्रष्टाचार है।
हर साल 9 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस (International Anti-Corruption Day) मनाया जाता है। यह दिन भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाने और समाज में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 31 अक्टूबर 2003 को अपनाई गई भ्रष्टाचार विरोधी संधि के साथ इस दिन को मनाने पर सहमति बनी थी। पहली बार इसे 9 दिसंबर 2003 को मनाया गया था और फिर यह दिन वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से लड़ने का प्रतीक बन गया।
| क्रमांक | देश |
| 1. | साउथ सूडान |
| 2. | सोमालिया |
| 3. | वेनेज़ुएला |
| 4. | सीरिया |
| 5. | यमन |
| 6. | लीबिया |
| 7. | इरिट्रिया |
| 8. | इक्वेटोरियल गिनी |
| 9. | निकारगुआ |
| 19. | सूडान |
| क्रमांक | देश |
| 1. | डेनमार्क |
| 2. | फिनलैंड |
| 3. | सिंगापुर |
| 4. | न्यूज़ीलैंड |
| 5. | लक्समबर्ग |
| 6. | नॉर्वे |
| 7. | स्विट्ज़रलैंड |
| 8. | स्वीडन |
| 9. | नीदरलैंड |
| 10. | ऑस्ट्रेलिया |
करप्शन परसेप्शन इंडेक्स के आंकड़ों के अनुसार 180 देशों में भारत की रैंकिंग 96 है। 10 साल पहले इस लिस्ट में भारत की रैंकिंग 85 थी।
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस का उद्देश्य भ्रष्टाचार के खिलाफ जागरूकता फैलाने और समाज में पारदर्शिता को बढ़ावा देने के साथ ही आर्थिक असमानता, गरीबी और विकास में बाधा डालने वाले भ्रष्टाचार पर ध्यान केंद्रित करते हुए उसे कम करने के उपायों पर काम करना है।
अंतर्राष्ट्रीय भ्रष्टाचार विरोधी दिवस 2025 की थीम 'युवाओं के साथ एकजुट होकर भ्रष्टाचार के खिलाफ भविष्य के लिए ईमानदारी को आकार देना" है। यह युवाओं को भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों में शामिल करने पर जोर देती है, क्योंकि भ्रष्टाचार का सबसे ज़्यादा असर युवाओं पर ही पड़ता है। शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार में भ्रष्टाचार युवाओं के भविष्य को प्रभावित करता है। इसलिए इस साल की थीम युवाओं को जागरूक और सक्रिय बनाने पर केंद्रित है।