नगर के मोहल्ला विजय नगर निवासी जयप्रकाश गौड़ (45) गाजियाबाद में टाटा स्टील में नौकरी करते थे और साथ में एलआईसी में बीमा एजेंट भी थे। 24 अप्रैल को जयप्रकाश बिजनौर के चांदपुर जाने के लिए अपने घर से निकले थे लेकिन रात तक वह घर नहीं आए। परिजनों ने उनकी तलाश शुरू की लेकिन कोई पता नहीं लगने पर गुमशुदगी दर्ज करा दी गई। पुलिस व परिजनों ने उनकी काफी तलाश की लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। 30 अप्रैल को तिगरी में गंगा नदी में एक व्यक्ति का शव मिला था।
परिजनों ने मोर्चरी पर जाकर शव की पहचान जयप्रकाश गौड़ के रूप में की थी। पुलिस जयप्रकाश की मौत को खुदकुशी मान रही थी लेकिन परिजनों को जयप्रकाश के आत्महत्या करने का विश्वास नहीं हो रहा था। परिजनों ने जयप्रकाश की हत्या किए जाने का आरोप लगाते हुए रिश्ते के भांजे अभिषेक शर्मा उर्फ बिट्टू पर शक जताया। पिता महेश शर्मा का कहना था कि जयप्रकाश को घटना वाले दिन अभिषेक ने ही व्हाट्सएप पर चैट कर बुलाया था। परिजनों ने पुलिस अधीक्षक को भी प्रार्थना पत्र देकर न्याय की गुहार लगाई थी।
एएसपी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि मामले की गहराई से जांच की गई तो पूरा मामला खुलता चला गया। उन्होंने बताया कि अभिषेक ने जयप्रकाश से दो लाख रुपये उधार लिए थे। जयप्रकाश उधार के दो लाख रुपये वापस मांग रहे थे। उधार ली गई रकम देने से बचने के लिए अभिषेक ने साजिश के तहत जयप्रकाश को एक दुकान पर बुलाया। जयप्रकाश अपनी बाइक लेकर उसके पास पहुंच गया। दोनों चांदपुर गए और वहां शराब पी। एएसपी ने बताया कि वापसी में दोनों थाना क्षेत्र के गांव शाहपुर रझेड़ा नहर किनारे पहुंच गए। वहां भी दोनों ने साथ में शराब पी। जयप्रकाश के नशे में होने पर अभिषेक ने उसे नहर में धक्का दे दिया।