मेटरनिटी सेंटर की जानकारी के अनुसार अस्पताल में रोजाना १२-१३ प्रसव केसेज होते हैं। इसके अलावा सामान्य पेट सम्बंधी उपचार के लिए लगभग ५० से अधिक मरीजों का अमूनन रोजाना आना होता है। लेकिन इनमें मात्र प्रसव पीडि़ताओं की जांच होती है। इसमें मध्यम परिवार तो निजी सेंटरों से जांच करा लेते हैं, लेकिन गरीब आदिवासी परिवार बिना जांच उपचार कराने के लिए विवश हो जाते हैं।
वर्सन:
रेडियोलॉजिस्ट के अभाव में सोनोग्राफी जांच प्रभावित है। निजी विशेषज्ञ सिर्फ प्रसव पीडि़ताओं का जांच करने तैयार है। हमने शासन को ४-५ पत्र लिखकर रेडियोलॉजिस्ट सहित अन्य रिक्त पदों के विशेषज्ञों की मांग की। लेकिन अबतक कोई पद नहीं भरे गए हैं।
डॉ. एसआर परस्ते, सिविल सर्जन जिला अस्पताल अनूपपुर।