इधर जोधाराम की ओर से एफआईआर क्रेश कराने के लिए हाईकोर्ट से पेश तीसरा प्रार्थना पत्र भी खारिज हो गया है। पुलिस महानिदेशक ने भी गत माह उसे निलम्बित कर दिया था। जोधाराम के खिलाफ एसीबी ने जून 2016 में अभियोजन स्वीकृति की अनुशंसा की थी। जिस पर पुलिस महानिदेशक मनोज भट्ट ने 21 अक्टूबर को अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी है।
मामले की जांच कर रहे एसीबी चित्तौड़गढ़ के एएसपी चिरंजीलाल मीणा ने बताया कि जोधाराम के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी हो गई है। वहीं उसकी ओर से एफआईआर क्रेश कराने के लिए हाईकोर्ट में तीसरी बार प्रार्थना पत्र पेश किया था। जिसे अदालत ने 10 नवम्बर को खारिज कर दिया।
मीणा ने बताया कि डीजी द्वारा निलम्बित करने के बाद से ही वह फरार चल रहा है। उसकी तलाश की जा रही है। जल्दी ही उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया जाएगा। उसी दिन चालान भी पेश कर देंगे।
जोधाराम के लिए 5 लाख रुपए रिश्वत लेते हुए एसीबी ने प्रोपर्टी डीलर विनोद पारेता को रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। अनुसंधान अधिकारी ने विनोद पारेता के खिलाफ तो चालान पेश कर दिया था, लेकिन जोधाराम के खिलाफ जांच लम्बित रखी थी। अब इस मामले में 12 दिसम्बर को सुनवाई होगी।