अफसरों को नहीं मिल रहे गोदाम, खुले में रखी है 16 हजार मीट्रिक टन धान
धान खरीदी की अंतिम तिथि समाप्त, हजार ज्यादा किसान धान बेचने अब भी बाकी
अफसरों को नहीं मिल रहे गोदाम, खुले में रखी है 16 हजार मीट्रिक टन धान
अनूपपुर। जिले में पिछले २ दिसम्बर से धान उपार्जन की चली आ रही प्रक्रिया २० जनवरी की शाम समाप्त हो गई, जहां जिले में धान उपार्जन के लिए बनाए गए २२ उपार्जन केन्द्रों पर देर शाम तक खरीदारी चली। बावजूद विभिन्न सोसायटी पर हजारों किसान धान बेचने लम्बी कतार लगाए खड़े रहे। २२ उपार्जन केन्द्रों में लगभग ११ उपार्जन केन्द्रों पर आधा सैकड़ा से लेकर दो सैकड़ा के बीच किसानों ने धान बिक्री के लिए डेरा जमाए रखा। इनमें अनूपपुर कृषि उपंज मंडी में लगभग २५ किसान, अनूपपुर बसबसपुर ओपन कैप पर ७० किसान, जैतहरी में २०० किसान, धनगवां में १७० किसान, वेंकटनगर में १०० किसान, सिंघौरा में ९५ किसान, देवगवां में २०० किसान, भेजरी में २५ किसान, राजेन्द्रग्राम में २५ किसान, निगवानी में ५० किसान, खोड्री नम्बर ०१ में ५० किसान धान बेचने अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। वहीं इस वर्ष धान का लक्ष्य से अधिक उपार्जन होने पर अब उनके भंडारण की समस्या बन गई है। वर्तमान में जिले में लगभग १६ हजार मीट्रिक टन धान को भंडारित करने गोदाम की आवश्यकता है, जो गोदाम के अभाव में खुले में पड़े हैं। हालांकि विभागीय अधिकारियों ने परिसर के भीतर आए किसानों को टोकन देने के साथ उनकी खरीदी किए जाने के प्रति आश्वस्त किया है, जो आगामी एकाध दिनों तक जारी रखी जाएगी। लेकिन परिसर में शाम के बाद आने वाले किसानों से खरीदी नहीं करने की बात कही है। वहीं नागरिक आपूर्ति विभाग प्रबंधन ने अंतिम तिथि के बाद आगे की खरीदी तारीख बढ़ाने से इंकार किया है। उन्होंने बताया कि खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। लेकिन सम्भावनाएं कम दिख रही है। जिसे लेकर अब हजारों किसानों के धान खरीदी पर संशय बन गया है। विभागीय सूत्रों के अनुसार उपार्जन केन्द्रों पर पूर्व से ही सैकड़ो किसान अपनी धान बेचने बैठे हैं, जिनमें अधिकांश किसानों से धान खरीदी की प्रक्रिया आरम्भ भी नहीं हो सकी है। जबकि परिसर के बाहर लगभग १ हजार किसान अब भी बिक्री के इंतजार में हैं। एक ओर जहां किसान धान ब्रिकी के लिए बैठे हैं, वहीं विभाग द्वारा इस वर्ष निर्धारित किए गए ३० हजार मीट्रिक टन धान उपार्जन के लक्ष्य में १७ जनवरी शुक्रवार तक विभाग ने ३ लाख ४३ हजार क्विंटल (३४ हजार मीट्रिक टन) धान का उपार्जन कर लिया था। पिछले तीन दिनों से पोर्टल बंद होने के कारण वर्तमान उपार्जन के आंकड़े स्पष्ट नहीं हो सके हैं। लेकिन विभाग ने इस दौरान ३०-४० हजार क्विंटल और धान खरीदी का अनुमान लगया है। इस प्रकार विभाग ने लगभग ३५ हजार मीट्रिक टन से अधिक उपार्जन की सम्भावना जताई है। लेकिन अब विभाग के पास उपार्जित किए गए धान को भंडारित करते गोदाम की कमी पड़ गई है।
बॉक्स: नहीं मिल रहे अतिरिक्त गोदाम, कम से कम ३ की आवश्यकता
जिले में २२ उपार्जन केन्द्रों पर हुई खरीदी में लगभग ३५ हजार मीट्रिक धान की खरीदी से अब भंडारण की समस्या बन गई है। जिले में वर्तमान में अनूपपुर में शासकीय गोदाम १, तीन निजी ३ तथा ३ ओपन कैप है, जिसकी क्षमता ३४ हजार टन है। वहीं जैतहरी में १ गोदाम क्षमता ३ हजार टन, पुष्पराजगढ़ में ४ हजार क्षतमा वाला एक गोदाम तथा कोतमा में ४५०० टन वाला २ शासकीय गांदाम तथा तीन निजी गोदाम जिसमें लगभग १५ हजार टन क्षमता। लेकिन इन उपलब्ध गोदामों में अधिकांश गोदाम में पूर्व से ही अनाजों का भंडारण है। जिसके कारण वर्तमान में १६ हजार मीट्रिक टन धान को भंडारित करने इनमें जगह की कमी बन गई है। इसके लिए विभाग को कम से कम ३ से अधिक गोदाम की आवश्यकता है।
बॉक्स: अंतिम तिथि पर संशय
धान खरीदी में २० जनवरी तक शासन के निर्देश में जिल प्रशासन ने खरीदी करने के निर्देश दिए थे। लेकिन किसानों की तादाद को देखते हुए नागरिक आपूर्ति विभाग ने पूरी खरीदी से इंकार कर दिया है। वहीं तिथि बढ़ाने को लेकर खाद्य आपूर्ति विभाग ने शासन को पत्र भेजा है। लेकिन शाम तक कोई आदेश नहीं आने पर तिथि बढऩे और खरीदी पर संशय हो गया है। वहीं रात १२ बजे के बाद पोर्टल स्वत: बंद हो जाएंगे।
वर्सन:
लगभग १६-१७ हजार मीट्रिक टन धान को भंडारित करने के लिए जगह की कमी बन रही है। उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को टोकन देकर आगामी एकाध दिनों तक खरीदी जारी रखी जाएगी। इसके लिए टोकन दिया जाएगा। तिथि बढऩे को लेकर कुछ नहीं कहा जा सकता।
आरबी तिवारी, प्रबंधक, नागरिक आपूर्ति विभाग अनूपपुर।
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