मंगलवार को कलेक्टर डॉ.मंजू शर्मा ने सुबह ही स्वास्थ्य और मलेरिया विभाग के अधिकारियों को बुला लिया और शहर के विदिशा रोड, पुराना एसपी ऑफिस, तायड़े कॉलोनी, ईसागढ़ रोड, जेल के पीछे की कॉलोनी व रामनगर पहुंचकर निरीक्षण किया। इन कॉलोनियों में ही डेंगू के मरीज मिले हैं। डेढ़ घंटे तक चले इस निरीक्षण में खाली प्लॉटों में गंदा पानी भरा देख कलेक्टर ने नाराजगी जताई और तुरंत ही पानी निकासी कराने के निर्देश दिए। वहीं तायड़े कॉलोनी में साफ-सफाई कराने और चोक नालियों को साफ कराने के निर्देश दिए।
खाली प्लॉटों के मालिकों को नोटिस देने के लिए सीएमओ बीडी कतरोलिया को निर्देश दिए। वहीं हर वार्ड में अभियान चलाकर सफार्ई कराने और फॉगिंग मशीन का इस्तेमाल करने के लिए भी कहा। इसके अलावा शहर के खाली पड़े प्लॉटों में प्लांटेशन करने के निर्देश भी दिए और कहा कि जिलेभर में फीवर सर्वे, लार्वा सर्वे, डेंगू सर्वे और स्पेस सर्व कराएं व दवाइयों का छिड़काव कराएं। इस दौरान उनके साथ सीएचएचओ डॉ.जेआर त्रिवेदिया, एसडीएम नीलेश शर्मा, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ.दीपा गंगेले सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
जांच: 35 सैंपल भेजे, 19 डेंगू पॉजीटिव मिले
पड़ोसी जिले शिवपुरी और गुना में डेंगू नियंत्रण से बाहर हो गया है, वहीं जिले में भी अब तक 35 सैंपल जांच के लिए भेजे गए, इनमें 19 डेंगू पॉजीटिव मिल चुके हैं। इसके बावजूद भी मलेरिया विभाग गंभीरता नहीं दिखा रहा है। हालत यह है कि हर दूसरे दिन जिले में डेंगू पॉजीटिव मरीज मिल रहे हैं। वहीं मंगलवार को गुना से आई जांच रिपोर्ट में यादव कॉलोनी निवासी सत्यम पुत्र देवीचरण, खिरिया देवत निवासी 15 वर्षीय आकाश पुत्र पवनकुमार शर्मा और वार्ड पांच रामपुरा निवासी आठ वर्षीय आयशा पुत्री मुबारिक खान में डेंगू की पुष्टि हुई। इसके अलावा जिले में दर्जनों ऐसे लोग भी हैं, जिनकी कोटा, भोपाल, ग्वालियर और दिल्ली में इलाज के दौरान डेंगू की पुष्टि हुई है। ऐसे में विभाग की लापरवाही पर सवाल उठने लगे हैं।