मामला शहर के मिलन तिराहा स्थित नजूल की जमीन पर बनी एक दुकान है। जानकारी अनुसार 1966 में नजूल भूमि पर दुकान के लिए पट्टा किया गया था। लेकिन धन्नालाल अहिरवार और शाहिद अली इस जमीन पर पट्टा बता अपने-अपने दावे कर रहे थे। कोर्ट में कई जगहों पर इसका प्रकरण चला। हाईकोर्ट ने इस दुकान को शाहिद अली की माना तो प्रशासन को आदेश दिया कि शाहिद अली को कब्जा दिलाया जाए। इससे नायब तहसीलदार, आरआई, पटवारी और पुलिस ने दुकान पर कब्जा दिलाने के लिए पहुंचे। प्रशासन ने ताला खुलवाया तो दुकान में 16 गैस सिलेंडर व आठ गैस भट्टियां भरे मिले। लेकिन जब किसी ने इन सिलेंडरों की जिम्मेदारी नहीं ली तो प्रशासन ने इन सिलेंडरों को जब्त कर लिया। इससे शहर में बड़े स्तर पर चल रहे गैस के अवैध कारोबार का खुलासा हुआ।
प्रशासन ने इन सिलेंडरों को जब्त करके कार्रवाई के लिए खाद्य विभाग को सौंप दिया है। इससे अब खाद्य विभाग इस मामले की जांच करेगा और पता किया जाएगा कि दुकान में रखे मिले यह गैस सिलेंडर आखिर किसके हैं और कहां से इतनी बड़ी संख्या में सिलेंडर दिए गए। कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी एमएस राठौर का कहना है कि प्रशासन ने जब्त कर विभाग की सुपुर्दगी में दिया है। अब जांच कर मामले पर कार्रवाई की जाएगी।
दुकान के विवाद का यह था मामला-
मिलन तिराहे पर नजूल की भूमि पर लोगों को 1966 में दुकानों के लिए पट्टे दिए गए थे। जिसके एवज में एक अमानत राशि जमा कराई जाती है और नजूल को दुकान के एवज में वार्षिक भूभाटक भी जमा कराया जाता है। जमीन पर पट्टे का शाहिद अली और धन्नालाल अहिरवार के बीच विवाद था, इससे लंबे समय से दुकान के मालिकाना हक का विवाद चल रहा था। तत्कालीन कलेक्टर आरबी प्रजापति ने इस विवाद में धन्नालाल अहिरवार की दुकान मानी और शाहिद खां से छुड़ाकर प्रशासन ने दुकान को धन्नालाल अहिरवार को सौंप दिया। अपील पर राजस्व मंडल ने दुकान का शाहिद खां के पक्ष में फैसला दिया तो मामला हाईकोर्ट पहुंचा। हाईकोर्ट ने दुकान को शाहिद खां की मानते हुए कब्जा दिलाने के लिए तीन दिसंबर 2018 को आदेश जारी किया। इस आदेश के पालन में ही रविवार को प्रशासन कब्जा दिलाने पहुंचा था।
नजूल की भूमि पर पट्टे का पुराना विवाद था। हाईकोर्ट के आदेश पर पक्षकार को दुकान सुपुर्द कराने के लिए नायब तहसीलदार गए थे। दुकान में 16 गैस सिलेंडर और 8 गैस भट्टियां रखी मिलीं। किसी ने इनकी जिम्मेदारी नहीं ली, इससे जब्त कर कार्रवाई के लिए खाद्य विभाग को मामला सौंपा गया है।
इसरार खान, तहसीलदार अशोकनगर