उधर इससे बौखलाए पाकिस्तान ने भी भारतीय राजनयिकों ( Indian diplomats ) पर कार्रवाई करते हुए उन्हें वापस भारत भेज दिया है। भारतीय दूतावास ( Embassy of India ) के 6 राजनयिकों समेत 38 अधिकारी स्वदेश लौट रहे हैं। वे सभी अटारी-वाघा बॉर्डर पहुंच गए हैं। ये सभी अधिकारी दो बस और एक ट्रक के जरिए सीमा तक पहुंचे हैं। इस बीच, भारत में पाकिस्तान उच्चायोग के लगभग 143 अधिकारी भी अटारी-वाघा सीमा पर अपने देश लौटने के लिए पहुंच गए हैं।
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प्रोटोकॉल अधिकारी अरुण पाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, ‘हमारी जानकारी के अनुसार, 143 लोग पाकिस्तान जाने के लिए वाघा बॉर्डर ( Attari-Wagah border ) पहुंचे हैं। वे पाकिस्तानी नागरिक हैं, जो नई दिल्ली में पाकिस्तानी दूतावास में काम करते थे।’
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आपको बता दें कि 23 जून को भारतीय विदेश मंत्रालय ( MEA ) ने पाकिस्तान के सैयद हैदर शाह ( Syed Haider Shah ) को बुलाया और बताया कि हमने (भारत) ने बार-बार पाकिस्तान उच्चायोग के अधिकारियों की गतिविधियों के बारे में चिंता व्यक्त की थी। सरकार ने शाह को अवगत कराते हुए बता दिया कि पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारियों की संख्या आधी की जाए और उन्हें सात दिनों के भीतर इस पर कार्य करने के लिए कहा गया।
MEA ने अपने फैसले की घोषणा करते हुए कहा था कि पाकिस्तान उच्चायोग ( Pakistan High Commission ) के अधिकारी भारत में जासूसी और आतंकवादी संगठनों के साथ व्यवहार बनाए रखने के कार्यों में संलग्न हैं। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि निर्णय दो पाकिस्तानी उच्चायोग के अधिकारियों की हिरासत के मद्देनजर लिया गया था, जिन्हें भारत में जासूसी करते पकड़ा गया था और उन्हें तुरंत पाकिस्तान वापस भेज दिया गया था।
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बता दें कि भारत के इस फैसले के बाद से पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ( Pakistan Foreign Ministry ) की ओर से नाराजगी जाहिर की गई थी और भारत के आरोपों को खारिज कर दिया था। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ( Foreign Minister Shah Mehmood Qureshi ) ने कहा था कि भारत चीन विवाद से ध्यान भटकाने के लिए पाकिस्तान पर इस तरह के आरोप लगा रहा है।