संयुक्त राष्ट्र ने बताया है कि गृहयुद्ध के हालात से जूझ रहे अफगानिस्तान में पाकिस्तान के 6500 आतंकवादी सक्रिय हैं। सबसे हैरान करने वाली बात ये है कि यह सभी आतंकी सरकार के खिलाफ युद्ध लड़ रहे हैं। इसमें से अकेले आतंकी संगठन ( Terrorist Organization ) लश्कर-ए-तैयबा ( Lashkar-e-Taiba ) और जैश-ए-मोहम्मद ( Jaish-e-Mohammad ) के 1 हजार आतंकवादी शामिल हैं।
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अब जब अमरीका अफगानिस्तान से अपने सैनिकों को निकालना चाहता है, और ऐसे में संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के बाद भारत की चिंता बढ़ गई है। चूंकि अफगानिस्तान में भारत ने अरबों रुपये निवेश किए हैं और अफगानिस्तान में किसी तरह के हलचल से भारत पर इसका असर पड़ना तय है।
तालिबान के साथ मिलकर काम कर रहे हैं आतंकी
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि ये सभी पाकिस्तानी आतंकी तालिबान ( Taliban ) के साथ मिलकर अफगानी सरकार और अमरीकी सुरक्षाबलों ( American Force ) के खिलाफ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई लड़ रहा है। संयुक्त राष्ट्र की निगरानी संस्था ने अपनी वार्षिक रिपोर्ट में कहा है कि अफगानिस्तान में आजीविका की तलाश में करीब 6500 पाकिस्तानी आतंकी सक्रिय हैं, जो तालिबान के साथ मिलकर सरकार और अमरीकी सेना के खिलाफ लडा़ई लड़ रहा है, जिनकी सतर्कतापूर्वक निगरानी जरूरी है।
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संयुक्त राष्ट्र ने अफगानी अधिकारियों के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान, जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा इन पाकिस्तानी गुटों में शामिल हैं जो सुरक्षा के लिहाज से खतरा बन गए हैं। जैश और लश्कर आतंकवादियों को अफगानिस्तान में घुसने में मदद करते हैं साथ ही IED बनाने की तकनीक बताते हैं।
कुनार प्रांत में लश्कर के 220 आतंकी सक्रिय
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी नानगरहार प्रांत में सक्रिय हैं। कुनार प्रांत में लश्कर के 220 आतंकी हैं और जैश के 30 आतंकवादी।
रिपोर्ट के मुताबिक, अफगानिस्तान में पाकिस्तानी मूल के 6000 से लेकर 6500 आतंकवादी हैं। ये लोग हमले करने के साथ-साथ मादक पदार्थों की तस्करी भी करते हैं। इसके अलावा तालिबान के नियंत्रण वाले जिलों में सोने, तांबे, टिन का अवैध खनन किया जा रहा है। इसमें पाकिस्तान में सक्रिय खनन कंपनियां शामिल हैं।