भारत में बाढ़ का कहर
भारत के तमाम हिस्सों में मानसून की बारिश ने भारी तबाही मचाई है। आर्थिक राजधानी मुंबई बारिश की पानी में पूरी तरह से डूब चुकी है। वहीं पूर्वोत्तर राज्यों में बारिश के बाद बाढ़ के कारण तीन मिलियन लोग प्रभावित हुए हैं।
कोसी नदी में जलस्तर बढ़ने के बाद बिहार के 13 जिलों में बाढ़ के कारण 44 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। वहीं ब्रह्मपुत्र नदी में जलस्तर बढ़ने के कारण असम में भी बाढ़ से लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ के कारण असम से करीब 1.7 मिलियन लोग विस्थापित होने को मजबूर हुए हैं।
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असम के 31-32 जिलों में बाढ़ का असर है। असम स्थित काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान 90 फीसदी बाढ़ में डूब चुका है। साथ ही दक्षिण राज्यों में भी भारी बारिश के बाद बाढ़ से लोग प्रभावित हुए हैं।
बिहार में अबतक 46 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं पूर्वोत्तर राज्य में 23 लोग बाढ़ में अपनी जान गवां चुके हैं।
नेपाल और बांग्लादेश में बारिश से भारी तबाही
पड़ोसी देश नेपाल और बांग्लादेश में भी भारी बारिश के बाद बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है बारिश के कारण नेपाल के 31 जिले बाढ़ की चपेट में हैं।
बाढ़ की चपेट में आने से अभी तक नेपाल में 78 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 32 लोग लापता हैं। प्रशासन ने 3366 लोगों का रेस्क्यू किया है।
नेपाल में खासकर तराई क्षेत्र के रूप में जाने जाने वाले निचले इलाकों में लोगों की जिंदगी बाढ़ से ज्यादा प्रभावित हुई है। नेपाल के 77 जिलों में से 20 से अधिक जिले बाढ़ और भूस्खलन से बुरी तरह से प्रभावित है।
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वहीं बांग्लादेश की बात करें तो बाढ़ से 200 गांव प्रभावित हैं और 15 लाख लोग बेघर हो गए हैं। चिटगांग जिले में 10 लोगों के मरने की बात सामने आई है।
अधिकारियों के अनुसार, कुछ इलाकों में बारिश कम हुई है, लेकिन नदियां अभी भी उफान पर हैं।
बांग्लादेश व नेपाल में बाढ़ के कारण देश के विभिन्न इलाकों में बड़ी तादाद में मकान ध्वस्त हो गए हैं। सड़कें अवरूद्ध हैं और कई पुलों को भी क्षति पहुंची है।
पाकिस्तान व म्यांमार में बाढ़ का कहर
पड़ोसी देश पाकिस्तान और म्यांमार में भी भारी बारिश के बाद बाढ़ ने तबाही मचाई है। बीते दिन पाकिस्तान में अचानक बादल फटने के बाद आई बाढ़ के कारण 28 लोगों की मौत हो गई।
पाकिस्तान के पेशावर और खैबर पख्तूनख्वा में बाढ़ से ज्यादा लोग प्रभावित हैं। बादल फटने की घटना में नीलम घाटी के लास्वा इलाके में 150 से ज्यादा मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं और दर्जनों लोग बाढ़ में बह गए हैं। म्यांमार में भी मूसलाधार बारिश के बाद बाढ़ से हजारों लोग प्रभावित हुए हैं।
संयुक्त राष्ट्र ने व्यक्त किया दुख
संयुक्त राष्ट्र ने भारत, बांग्लादेश, नेपाल और म्यांमार में आई भयानक बाढ़ से हुए जान माल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया है। यूएन महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ( UN chief Antonio Guterres ) ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर विश्वसंस्था मदद के लिए हमेशा तैयार है।
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गुटेरेस के उप प्रवक्ता फरहान हक (Farhan Haq) ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के अधिकारियों के मुताबिक, भारत में भारी बारिश के बाद बाढ़ से 10 लाख लोगों को विस्थापन का शिकार होना पड़ा है जबकि 44 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
बयान के मुताबिक, म्यांमार में 21 हजार लोग प्रभावित हुए हैं। म्यांमार के रखाइन प्रांत में 3000 लोग प्रभावित हुए हैं। प्रवक्ता ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने इस प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति शोक संवेदना जताई है।
संयुक्त राष्ट्र की ओर से जारी बयान में आगे कहा गया है कि बाढ़ से प्रभावित लोगों को भोजन और साफ पानी समेत अन्य सामानों की जरूरत है।
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