शेर बहादुर ने दिया इस्तीफा गौरतलब है कि आठ महीने पहले ही प्रधानमंत्री बने शेर बहादुर देउबा ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। संघीय संसद में सबसे बड़ी पार्टी के नेता होने के नाते नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के सहयोग से के.पी. ओली देउबा से यह पद भार ग्रहण किया।
ओली को 30 दिन में साबित करना होगा बहुमत
ओली को सदन में 30 दिनों के भीतर बहुमत साबित करना होगा। राष्ट्रपति कार्यालय के मुताबिक, इससे पहले गुरुवार को ओली ने नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी केंद्र) के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल प्रचंड के साथ राष्ट्रपति से मुलाकात की।
देउबा ने कराए 3 सफल चुनाव देउबा राष्ट्रीय संबोधन के दौरान अपने इस्तीफे की घोषणा करने जा रहे हैं और राष्ट्रपति बिद्या देवी भंडारी को इस्तीफा सौंप दिया है। संघीय और प्रांतीय चुनाव संपन्न होने के 69 दिनों बाद वह इस्तीफा दिया है। साल 2017 में प्रधानमंत्री चुने गए देउबा ने स्थानीय, प्रांतीय और संघीय विधनासभा के तीन सफल चुनाव कराए।
समझौते के तहत प्रचंड ने दिया था इस्तीफा पुष्प कमल दहल प्रचंड ने नेपाली कांग्रेस के साथ एक समझौते के तहत मई 2017 में नेपाल के पीएम पद से इस्तीफा दिया था। इससे पहले अगस्त 2016 में गठबंधन के वक्त सीपीएन (माओवादी) और नेपाली कांग्रेस के बीच तय हो गया था कि दोनों पार्टी के नेता बारी-बारी प्रधानमंत्री बनेंगे। इसी समझौते के तहत जून 2017 में प्रंचड ने इस्तीफा दिया था।
जून 2017 में बने थे प्रधानमंत्री देउबा ने जून 2017 में ही नेपाल के प्रधानमंत्री का पद संभाला था। उस वक्त वो पीएम पद के इकलौते दावेदार था। देउबा को सीपीएन-माओएस्ट सेंटर, राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी और मधेशी पीपुल्स राइट फोरम समेक कई छोटी पार्टियों ने भी अपना समर्थन दिया था।