भूटान की रानी मां ने कहा- बौद्ध धर्म हमें दिया गया भारत का सबसे बड़ा उपहार इमरान के प्रतिनिधियों का कहना है कि आतंकवाद को लेकर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो और इमरान खान में कोई बातचीत नहीं हुई है। इस बातचीत का ब्योरा ट्रंप प्रशासन ने बाद में मीडिया को भी जारी किया। दूससरी ओर इस्लामाबाद ने इसे सिरे से खारिज करते हुए इस प्रेस रिलीज को वापस लेने की मांग की है। बता दें, पोम्पियो के 5 सितंबर को इस्लामाबाद की यात्रा करने की उम्मीद है।
पहली बार एक साथ सैन्य अभ्यास करेंगे भारत-पाक के सैनिक, एससीओ ने किया अयोजन मीडिया रिपोर्ट्स क अनुसार- अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में एक रिलीज जारी की है, जिसमें बताया है कि विदेश मंत्री माइकल आर पोंपियो ने पाकिस्तान के पीएम को जीत की बधाई दी थी। उन्होंने कहा था कि अमेरिका, इमरान खान के साथ मिलकर आगे चलने के लिए तैयार है, किंतु इसके साथ ही पाकिस्तान के पीएम से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक ढंग से निपटना होगा। गौर हो, अफगान, तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को पाकिस्तान की ओर से प्रत्यक्ष या परोक्ष समर्थन दिए जाने से अमेरिका लंबे समय से परेशान रहा है। इसी के कारण ट्रंप प्रशासन को पाकिस्तन को चेतावनी देनी पड़ी। यही कारण था कि अमेरिका ने कुछ समय पहले पाकिस्तान को दी जाने वाली वित्तीय सहायता पर भी रोक लगाई थी।
हांगकांग: एनेस्थेटिस्ट ने योग बॉल में भरी जहरीली गैस और इस तरह से कर दी पत्नी और बेटी की हत्या विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नाउर्ट की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि इमरान खान के साथ अपनी बातचीत में पोंपियो ने युद्ध प्रभावित अफगानिस्तान में पाकिस्तान की अहम भूमिका के बारे में भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि पोंपियो ने पाकिस्तान की सरजमीं पर संचालित हो रहे सभी आतंकियों के विरुद्ध निर्णायक कार्रवाई का मुद्दा उठाया और अफगान शांति प्रक्रिया को बढ़ावा देने में उसकी अहम भूमिका पर चर्चा की।