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Budget 2020 : ऑटोमोबाइल सेक्टर को बजट से हैं ये उम्मीदें

ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुज़र रहा है ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) से उम्मीद है कि वो इस सेक्टर में फिर से जान डालने का काम करेंगी।

Jan 25, 2020 / 12:21 pm

Vineet Singh

Automobile Sector Budget 2020

नई दिल्ली: ऑटोमोबाइल सेक्टर को साल 2020 के केंद्रीय बजट से काफी उम्मीदें हैं क्योंकि ऑटोमोबाइल सेक्टर पिछले दो दशकों की सबसे बड़ी मंदी के दौर से गुज़र रहा है ऐसे में ऑटोमोबाइल सेक्टर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) से उम्मीद है कि वो इस सेक्टर में फिर से जान डालने का काम करेंगी।
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ये हैं ऑटोमोबाइल सेक्टर की प्रमुख मांगे

1. वाहनों पर GST कटौती: ऑटोमोबाइल सेक्टर की मांग है कि बजट 2020 में अप्रैल से लागू होने वाले BSVI नॉर्म्स की वजह से वाहनों की कीमत में जो बढ़ोतरी हुई है उसे GST में कटौती (वाहनों पर) करके ग्राहकों को वाहनों की बिक्री देने के लिए बढ़ावा दिया जा सकता है। मौजूदा 28% GST को 18% कर दिया जाना चाहिए जिससे लोगों की जेब पर वाहनों की खरीद के दौरान बोझ कम पड़े।
2. हाइब्रिड कारों पर कम GST और CESS : हाइब्रिड कारों पर नॉर्मल कारों से ज्यादा टैक्स देना पड़ता है। सिर्फ जीएसटी ही नहीं बल्कि हाइब्रिड कारों पर सेस ( CES ) भी देना पड़ता है। इन कारों पर कुल मिलाकर 43% टैक्स देना पड़ता है। इस टैक्स में 5% का जीएसटी है। ऑटोमोबाइल सेक्टर को बजट से उम्मीद है कि हाइब्रिड कारों पर जीएसटी को 28% से 18% तक कम करना चाहिए या फिर 15% सेस कम करना होगा।
3. प्रोत्साहन आधारित स्क्रैपेज नीति : भारतीय सड़कों पर कई सालों से ऐसे वाहन मौजूद हैं जो बेहद ही पुराने हैं और काफी ज्यादा प्रदूषण फैलाते हैं। ऐसे वाहनों को सड़क पर से हटाने के लिए हर प्रदेश की सरकारें कदम उठा चुकी हैं लेकिन ऑटोमोबाइल सेक्टर को उम्मीद है कि बजट 2020 ( Budget 2020 ) में स्क्रैपेज को बढ़ावा देने के लिए नई नीति लानी चाहिए जिससे ना सिर्फ आउटडेटेड प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़क पर से हटाया जा सके बल्कि लोगों को भी फायदा पहुंच सके जिससे प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिल सके।
4. इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के निजी खरीदारों को प्रोत्साहन : ऑटोमोबाइल सेक्टर की डिमांड हैसरकार इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड कारों के निजी खरीदारों को प्रोत्साहित करे, इसके अलावा जो लोग इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों के विनिर्माण और विनिर्माण क्षेत्र में व्यावसायिक उपयोग के लिए अपने वाहनों को लगाते हैं। ( FAME) योजना। यह वाहन की बिक्री बढ़ाने और ईवी और हाइब्रिड वाहनों की मांग को बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए।
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5. लिथियम-आयन बैटरी सेल्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी ख़त्म हो : ऑटोमोबाइल सेक्टर की डिमांड है कि देश में इलेक्ट्रिक वाहनों की लिथियम-आयन बैटरी सेल्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी ख़त्म कर दी जाए जिससे ईवी को भारत में बेहद कम कीमत में खरीदना आसान हो सके। आपको बता दें कि अभी भारत में इलेक्ट्रिक वाहन काफी महंगे मिल रहे हैं।

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