मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली सरकार ई-कॉमर्स कंपनियों, खाद्य वितरण सेवाओं और कैब एग्रीगेटर्स को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों के प्रयोग करने का निर्देश जारी कर सकती है। इसके अलावा पेट्रोल पंपों को प्रदूषण-अंडर-चेक (PUC) प्रमाण पत्र के बिना वाहनों को ईंधन नहीं देने के लिए भी कहा जा सकता है। यानी कि अब दिल्ली में आपको फ़्यूल तभी मिलेगा जब आप वैध पीयूसी सर्टिफिकेट दिखाएंगे।
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एक अधिकारी ने पीटीआई को दिए अपने बयान में कहा कि, “सरकार वाहनों के प्रदूषण की जांच के लिए दो बड़े कदम उठाने जा रही है – हम ज़ोमैटो, स्विगी, ओला, उबर इत्यादि सहित सभी एग्रीगेटर्स को पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए कहेंगे। दिल्ली में रजिस्टर्ड कुल वाहनों में से तकरीबन 30 प्रतिशत वाहनों का इस्तेमाल इन कंपनियों द्वारा किया जाता है।”
उक्त अधिकारी ने कहा कि, “हम डीलरों और पेट्रोल पंपों को बिना पीयूसी प्रमाणपत्र के वाहनों को ईंधन की आपूर्ति नहीं करने का निर्देश देने पर भी विचार कर रहे हैं। इस संबंध में पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम के तहत इसी सप्ताह नए निर्देश जारी होने की उम्मीद है।”
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यह पूछे जाने पर कि क्या एग्रीगेटर्स को इलेक्ट्रिक वाहनों पर स्विच करने के लिए कोई समय सीमा दी जाएगी, परिवहन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। हम जल्द ही मसौदा दिशानिर्देश प्रकाशित करेंगे।” बता दें कि, दिल्ली इलेक्ट्रिक वाहन नीति (Electric Vehicle Policy) अगस्त 2020 में पेश की गई थी, जिसका उद्देश्य 2024 तक कुल वाहन बिक्री में इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी को 25 प्रतिशत तक बढ़ाना है।