बताते चलते हैं कि राम मंदिर को लेकर लगातार हो रहे बयान बाजी और अयोध्या कुच करने की बातें सामने आ रही पहले ही अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने लाखों नागा साधुओं के साथ अयोध्या कुच करने की बात कहा हैं अब स्वरूपानंद सरस्वती ने भी हजारों की संख्या में राम भक्तों को शिला पूजन के लिए अयोध्या में एकत्र करने का ऐलान किया है जिसको को लेकर अब बाबरी मस्जिद के पक्षकारों ने साफ लफ्जो में अयोध्या की सुरक्षा पर सरकार की जिम्मेदारी बताते हुए केंद्र सरकार और राज्य सरकार के पाले में फेंक दिया है बाबरी मस्जिद विवाद के मुख्य मुद्दई इकबाल अंसारी ने कहा कि राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद आज सुप्रीम कोर्ट में है और सुप्रीम कोर्ट जो भी फैसला देगा वह सभी मानेंगे किस तरह से कानून को हाथ में लेने की बात हम नहीं कहते हैं इस तरह की बातों से देश में भ्रम फैलाया जा रहा है और जब भी चुनाव आता है तो वह चाहे राजनीतिक नेता हो या धर्म गुरु सभी अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने लगते हैं और कहां कि यदि अयोध्या की शांति व्यवस्था भंग करने की कोशिश की गई तो इसका पूरा जिम्मेदार सरकार होगी
तो वहीं पैरोकार हाजी महबूब ने कहा कि देश के अमन चैन व शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए इस तरह की हरकतें ना करें को और कहा कि अगर मंदिर के लिए वहां शिलान्यास ही करना था तो उस ढांचे को क्यों गिरा दिया गया उस ढांचे को हिंदू लोग मंदिर समझकर ही पूजा करते थे। आज देश सिर्फ हिंदुओं से नहीं चल रहा अगर अयोध्या के विवादित परिसर में इस तरह का कार्य किया गया तो देश का अमन चैन खराब होगा ।