scriptजाली नोट का हब रहा है आजमगढ़, पड़ोसी मुल्क से जुड़े रहे है तार | Azamgarh has hub of fake currency wires are connected with Pakistan | Patrika News
आजमगढ़

जाली नोट का हब रहा है आजमगढ़, पड़ोसी मुल्क से जुड़े रहे है तार

आजमगढ़ जिला नकली नोट के कारोबार का हब रहा है। पहले यहां बड़े पैमाने नोट और उसे छापने की मशीन पकड़ी जा चुकी है। यहीं नहीं नकली नोट के कारोबार का तार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान से भी जोड़कर देखा जाता रहा है। चुनाव से पूर्व जिले में 3.15 लाख नकली नोट की बरामदगी के बाद एक बार फिर खुफिया एजेंसियां अलर्ट हो गयी है। सच्चाई का पता नासिक से जांच रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा।

आजमगढ़Jan 15, 2022 / 01:53 pm

Ranvijay Singh

प्रतीकात्मक फोटो

प्रतीकात्मक फोटो

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
आजमगढ़. जिले में नकली नोट का कारोबार कोई नई बात नहीं है। पहले भी यहां नकली नोट और नोट छापने की मशीन आदि पकड़ी जा चुकी है। वहीं बड़े पैमाने पर यहां पड़ोसी मुल्क से नकली नोट आने की चर्चा होती रही है। माना जाता है कि नेपाल के रास्ते पड़ोसी मुल्क यहां नकली नोट भेज अर्थव्यवस्था को चौपट करने की कोशिश करता रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव से पूर्व एक बार फिर यहां 500 रुपये के नकली नोट बरामद हुए हैं। एक सप्ताह पूर्व ही अंबेडकर नगर पुलिस ने आजमगढ़ के युवकों को नकली नोट के कारोबार में पकड़ा था। ऐसे में 3.15 लाख की जाली करेंसी की दूसरी खेप आजमगढ़ में बरामदगी ने खुफिया एजेंसियों के भी कान खड़े कर दिए हैं। आशंकाएं गहराने लगी हैं कि कहीं अंडरवर्ल्ड के अंदरखाने में कोई बड़ा खेल तो शुरू नहीं हो गया है।

बता दें कि यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है। इस समय पुलिस कुछ ज्यादा ही सतर्कता बरत रही है। एक सप्ताह पूर्व अंबेडकर नगर पुलिस ने आजमगढ़ जिले के युवकों को नकली नोट के साथ पकड़ा था। पुलिस ने नकली नोट से जुड़ा बड़ा खुलासा किया था। अभी दो दिन पूर्व आजमगढ़ जिले की शहर कोतवाली पुलिस द्वारा भी नकली नोट के साथ छह लोगों की गिरफ्तारी की गयी जबकि दो फरार हो गए। पुलिस ने इनके पास से 3.15 लाख रुपये बरामद किया था। पुलिस के हाथ लगी जाली नोटों में 500 व 100 के नोट हैं। पांच सौ के नोटों की छपाई में इतनी सफाई से की गयी थी कि बिना फोरेंसिक जांच के यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि वह असली है अथवा नकली।

वहीं दूसरी तरफ कारोबारियों ने खुलासा किया था कि अब तक वे 10 लाख नोट बाजार में खपा चुके हैं। इस कारोबार को रोकना पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बन गयी है। बरामद नोट को जांच के लिए नासिक भेजा गया है। पुलिस को जांच रिपोर्ट का इंतजार है। वहीं पुलिस दो फरार आरोपियों की तलाश में भी जुटी है। माना जा रहा है कि अगर फरार सत्यजीत सिंह निवासी बनहरा रौनापार पुलिस के हत्थे चढ़ जाय तो इस कारोबार की तह तक पहुंचा जा सकता है। यही वजह है कि खुफिया एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।

वैसे नकली नोट का कारोबार जिले में नया नहीं है। वर्ष 2000 के करीब सरायमीर थाना क्षेत्र के सिकरौर गांव निवासी अब्दुल्लाह पुत्र स्व. इद्रीस भारी मात्रा में नकली नोट के साथ मुबारकपुर में गिरफ्तार हुआ था। इसके बाद तमाम लोगों की गिरफ्तारियां हुई। यहीं नहीं वर्ष 2009 फूलपुर कोतवाली क्षेत्र चिड़ीमार गांव में बड़े पैमाने पर नकली नोट, कंप्युटर, स्याही व नोट छापने के अन्य उपकरण बरामद हुए था। छोटी मोटी बरामदगी यहां के लिए आम बात रही है।

चुंकि जिले के तार हमेंशा अडंरवर्ल्ड से जुड़े रहे हैं। इसलिए यह माना जाता रहा है कि इस कारोबार में कहीं न कहीं इससे जुड़े लोगों और पड़ोसी मुल्क का हाथ है। दो दिन पूर्व जो नोट पकड़ी गयी है उसे देखने के बाद साफ माना जा रहा है कि यह आसानी से नहीं छापी जा सकती है। पूर्व नकली नोट नेपाल के रास्ते पूर्वांचल में लाने की पुष्टि भी हो चुकी है। ऐसे में खुफिया एजेंसियां सभी बिंदुओं को ध्यान में रखकर जांच में जुटी हैं।

अपर पुलिस अधीक्षक शैलेंद्र लाल का कहना है कि इस मामले में स्पष्ट कुछ नहीं कहा जा सकता है लेकिन 500 की करेंसी की छपाई देख आशंकाओं से इंकार भी नहीं किया जा सकता। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी को दबिश दी जा रही है। कोशिश होगी कि सलाखों के पीछे पहुंचे और उन्हें रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाए। पुलिस हर बिंदु पर जांच कर रही है। जल्द ही खुलासा हो जाएगा।

Home / Azamgarh / जाली नोट का हब रहा है आजमगढ़, पड़ोसी मुल्क से जुड़े रहे है तार

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो