scriptदलित की हत्या के तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास | Life imprisonment to three accused who murdered Dalit in azamgarh | Patrika News
आजमगढ़

दलित की हत्या के तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास

दीवानी न्यायालय में दलित की हत्या के मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने दोषसिद्ध पाए जाने पर…

आजमगढ़Oct 10, 2017 / 01:04 pm

ज्योति मिनी

court

कोर्ट

आजमगढ़. दीवानी न्यायालय में दलित की हत्या के मामले की सुनवाई पूरी होने पर अदालत ने दोषसिद्ध पाए जाने पर तीन आरोपियों को आजीवन कारावास एवं 20-20 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद फैसला अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नंबर दो संतोष कुमार तिवारी ने सुनाया।

मेंहनगर थाना क्षेत्र की नई ग्राम निवासी सुभाष पुत्र बालेदीन व गांव के ही जयप्रकाश गुप्ता के बीच रंजिश चली जा रही थी। गत 22 अप्रैल 2006 को सुभाष का पुत्र मनोज गांव की दलित बस्ती में अपने मित्र अजय से मिलने गया था। वापस घर लौटते समय विपक्षी जयप्रकाश गुप्ता, उसका पुत्र अंगद व संतोष पुत्र बंशराज ने मनोज को घेर लिया। चाकू से किए गए हमले में घायल मनोज ने अस्पताल में दम तोड़ दिया। इस मामले में मृतक के पिता ने पिता-पुत्र सहित तीन लोगों के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई।
यह जरूर पढ़ें-

दिवाली की सफाई में घर से बाहर फेंक दें ये पांच चीजें, होगी धन वर्षा

मामले की विवेचना के बाद आरोपपत्र पुलिस द्वारा न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। पीड़ित पक्ष की ओर से वादी मुकदमा सुभाष, क्षेत्राधिकारी बृजेश कुमार सिंह, चिकित्सक डा. बीआर नाडर, उपनिरीक्षक शिवाजी एवं हरिहर यादव तथा शिवलाल प्रसाद और परम शीला बतौर गवाह न्यायालय में प्रस्तुत हुए। दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद अदालत ने आरोपी जय प्रकाश गुप्ता, अंगद व संतोष को दोषी पाते हुए उन्हें आजीवन कारावास तथा 20-20हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने जुर्माने की राशि में से 50 हजार रुपए मृतक के पिता को देने का आदेश दिया।
हत्यारोपी सास को आजीवन कारावास

वहीं जौनपुर जिले के नेवढिया थाना क्षेत्र में तीन वर्ष पूर्व दहेज की मांग को लेकर बहू को प्रताड़ित कर मिट्टी का तेल डालकर जला कर हत्या करने के मामले में सोमवार को फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम के जज बलराज सिंह ने आरोपी सास को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है। अभियोजन कथानक के अनुसार, केराकत थाना क्षेत्र के अजोर पुर निवासी मुन्ना लाल विश्वकर्मा ने नेवढिया थाना में इस आशय की रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसने अपनी भतीजी प्रियंका विश्वकर्मा की शादी चार वर्ष पूर्व सेवनडीह निवासी दीपक विश्वकर्मा पुत्र स्व0कमला विश्वकर्मा के साथ किया था। हैसियत के मुताबिक दान दहेज दिया । भतीजी प्रियंका विदा हो कर ससुराल गई तो पति दीपक, देवर सूरज, ननद पूनम, सास पंचदेई दहेज में मोटर साइकिल की मांग को लेकर उसे प्रताड़ित करने लगे, पति व देवर बराबर दिल्ली से फोन करके धमकी देते रहे।
इसी बीच भतीजी को दो बच्चे पैदा हुए, उक्त मांग पूरी नहीं होने पर दिनांक 22 अप्रैल 2014 को अपने बेटे व बेटी की साजिश में आकर सास पंचदेई ने मिट्टी का तेल डालकर जला दिया, दोरान उपचार सदरअस्पताल जौनपुर में 18 मई 2014 को उसकी मौत हो गई। पुलिस ने मामले की बिवेचना करके आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया अभियोजन पक्ष से सहायक शासकीय अधिवक्ता ने कुल छ गवाह कोर्ट में पेश किया, न्यायाधीश ने दोनों पक्षों की बहस व तर्को को सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के परिशीलन के पश्चात आरोपी सास पंचदेई को हत्या के जुर्म में दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास एवं दस हजार रुपये अर्थ दंड की सजा सुनाई है जबकि अन्य आरोपियों को सन्देह का लाभ देते हुए वरी कर दिया।

Home / Azamgarh / दलित की हत्या के तीन अभियुक्तों को आजीवन कारावास

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो