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नवजात बेटी के जन्म पर मनाया उत्सव, दुल्हन सा सजाया घर, लाड़ो की अगवानी में बिछाए पलक पांवड़े

समय बदल गया है और अब बेटियों के जन्म के समय लोग बहुओं को ताने नहीं देते बल्कि उन पर फूल बरसाते हैं। अंबाह की एडवोकेट कॉलोनी के महेरे परिवार में भी ऐसा ही कुछ नजर आया। मुरैना. बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए मंगल गीत और फूलों की बारिश कर लाडो […]

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समय बदल गया है और अब बेटियों के जन्म के समय लोग बहुओं को ताने नहीं देते बल्कि उन पर फूल बरसाते हैं। अंबाह की एडवोकेट कॉलोनी के महेरे परिवार में भी ऐसा ही कुछ नजर आया।

मुरैना. बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का संदेश देते हुए मंगल गीत और फूलों की बारिश कर लाडो का गृह प्रवेश करवाया गया। लोग बेटी के जन्म का जश्न मनाने के लिए उन्हें बधाई दे रहे हैं। इस दौरान पूरे घर को दुल्हन की तरह सजाया गया। रिश्तेदारों ने दंपति और बेटी की आरती कर स्वागत किया। एडवोकेट कॉलोनी निवासी पं. सुनीत शर्मा आज दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके भाई मनोज शर्मा एडवोकेट ने उनकी परवरिश की मिसाल पेश की है। भतीजे शशांक व भतीज बहू वंदना के 26 अप्रैल को बेटी हुई थी। घर पहुंचने पर बुधवार को जोरदार जश्न की तैयारी की। उन्होंने बेटी को गर्भ में मारने व सडक़ किनारे छोड़ देने वालों के खिलाफ एक नजीर पेश की है। वंदना ने बताया कि बेटियां किसी पर बोझ नहीं होती हैं। लक्ष्मी स्वरूप बेटी का सभी को सम्मान करना चाहिए। दादी कमलेश, बुआ मेघा सहित परिजनों ने भव्य स्वागत कर बेटी को घर में प्रवेश कराया। बेटी के जन्म के बाद से ही पूरे परिवार में जश्न का माहौल है। बेटी के जन्म की खबर सुनकर लाड़ो के नाना संतोष तिवारी के परिवार में भी खुशियां मनाई गईं।
फूलों की बारिश से हुआ स्वागत
दरवाजे से लेकर उसके कमरे तक गुब्बारे व फूलों को बिछाया गया था। जैसे ही लाड़ो दरवाजे पर पहुंची वैसे ही घर की अन्य महिलाएं सजी हुई थाली लेकर पहुंची और सबसे पहले बच्ची की मां को माला पहनाया इसके बाद टीका लगाकर बच्ची के मां और बच्ची पर फूलों की वर्षा की गई। उसके बाद घर में प्रवेश कराया। परिवार की इस पहल को देखकर आसपास के लोग भी काफी प्रसन्न नजर आए।
परिवार ने दिया लैंगिक समानता का संदेश अस्पताल से घर पहुंची नवजात बच्ची फूल बरसाकर भव्य स्वागत किया गया। इस जश्न की पूरे शहर में चर्चा है। ऐसा करके समाज को बेटा-बेटी के एक समान होने का संदेश दिया है। आज बेटियां भी बेटों से कम नहीं है। महेरे परिवार का ये उत्साही काम पूरे समाज को ये संदेश दे रहा है कि बेटी है तो कल है। कन्या भ्रूण हत्या पाप है। बेटी दो घरों को जोड़ती है वो सबका सुख और मान है।
बेटा भाग्य और सौभाग्य से मिलती हैं बेटियां
बेटियां भी परिवार का नाम रोशन करती हैं. मैं चाहती हूं कि बेटियों को समान शिक्षा और अवसर प्रदान करें। बेटा भाग्य से मिलता है, वहीं बेटी सौभाग्य से प्राप्त होती है. हम लोग बहुत ही सौभाग्यशाली है की पहली संतान बेटी हुई है।
रामरती, बच्ची की परदादी