इस मौके पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कश्मीर से धारा-370 हटाने को लेकर विपक्षियों पर निशाना साधते हुए कहा है कि जम्मू-कश्मीर के हालात बदतर थे। वहां गरीबों की कोई सुनने वाला नहीं था। फारुख अब्दुल्ला व महबूबा मुफ्ती के भ्रष्टाचार से वहां की जनता परेशान थी। उन्होंने कहा कि जब मैं वहां का राज्यपाल था तो उस वक्त मैंने उनके भ्रष्टाचारों की जांच कराई थी और अब जांच में संलिप्त सभी लोग जेल भेजे जाएंगे। उन्होंने कहा कि मुझे टेररिस्टों से कम डर लगता है, लेकिन उन लोगों से ज्यादा डर लगता है, जिनके भ्रष्टाचार को मैं रोककर आया।
उन्होंने धारा-370 हटाने के वक्त महबूबा मुफ्ती व फारुख अब्दुल्ला को नजरबंद करने के सवाल पर कहा कि 370 हटाने से पहले महबूबा मुफ्ती गांव-गांव जाकर लोगों भड़काती हुई कह रही थी कि 370 को छेड़ा तो उनके हाथ जल जाएंगे और वो खुद भी जल जाएंगे। वहीं, फारुख अब्दुल्ला कह रहे थे कि 370 को छेड़ा तो सड़कों पर खून-खराबा हो जाएगा। इसीलिए दोनों को पहले ही नजरबंद कर दिया गया, क्योंकि दोनों ही बवाल कराना चाहते थे। उन्होंने कहा कि अब कोई डर वाली बात नहीं है। कश्मीर में जो कांटा चुभता था उसे निकाल दिया है, अब वह दर्द नहीं करेगा। वहीं पाकिस्तान अगर उसे छेड़ने की कोशिश करेगा तो अपने हाथों से पीओके को भी खो बैठेगा।
ग्रामीणों से कहा, मुझसे मिलने आओगे तो राजभवन में ठहराऊंगा राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंच से बोलते हुए गांव वालों से कहा कि मुझसे मिलने के लिए आओगे तो उस राजभवन में ठहराऊंगा, जिसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री ठहरते हैं। लेकिन, अभी मत आना क्योंकि बुखार चल रहा है और एहतियात बरतते हुए हाथों को धोएं व सावधानी आदि बरतें।