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लॉकडाउन के बीच सुनसान सड़क पर नजवाज बच्ची को फेंक गई कलयुगी मां बागपत जनपद में रटौल गांव निवासी मोहम्मद आदिल का कहना है कि वह गाजियाबाद से बीबीए की पढ़ाई कर रहा है। लॉकडाउन के चलते उसके गांव में जमाती फंस गए थे, जिन्हें वह रोजाना खाना पहुंचाता था। जब उसकी जांच की गई तो वह भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद उसे और उसके परिजनों को क्वारंटीन कर दिया गया। इस दौरान खेकड़ा में डॉक्टरों ने उसे भरोसा दिलाया कि वह जल्द ही ठीक हो जाएगा। डॉक्टर के अनुसार उसने इलाज कराया और हॉस्पिटल में ही पढ़ाई की। आज वह डॉक्टरों की वजह से पूरी तरह स्वस्थ है।
आदिल ने अन्य लोगों से भी डॉक्टरों की बात मानने की अपील की है। आदिल ने बताया कि मुझे कोरोना होने और परिवार वालों को क्वारंटीन किए जाने के चलते उन्हें काफी नुकसान भी हुआ है। उन्होंने आम और आड़ू के बाग ले रखे हैं। वहीं कोरोना को हराने वाले मेरठ के खरखौदा निवासी मोहम्मद चांद ने बताया कि हॉस्पिटल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने उसका पूरा ख्याल रखा, जिसके चलते वह आज पूरी तरह स्वस्थ हो गया है।