पुलिस ने रखी थी नजर वहीं सोमवार को सजा सुनवाई के मद्देनजर बागपत के बरनावा कस्बे में स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में सन्नाटा पसरा रहा। आश्रम का सिर्फ एक छोटा गेट खुला हुआ था। जिससे किसी बाहरी व्यक्ति को जाने की पूरी तरह से मनाही थी। आश्रम पर स्थानीय थाना पुलिस और चौकी पुलिस पूरी तरह से नजर रखे हुए थी। डेरा सच्चा सौदा के आश्रम के सेवादार भी पूरे दिन दिखाई नहीं दिए। थाना पुलिस को आशंका थी कि जब डेरा प्रमुख को सजा सुनाई जाएगी तो आश्रम में रहने वाले सेवादार उसके विरोध में कुछ हंगामा कर सकते हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
2017 में हरियाणा एसआईटी ने मारा छापा बीते 25 अगस्त 2017 को डेरा प्रमुख संत गुरमीत राम रहीम सिंह की यौन शोषण के मामले में पंचकुला हरियाणा में पेशी हुई थी। इस दौरान वहां पर हिंसा भड़क गई थी। जिसमें काफी हिंसा हुई थी। उस दौरान बरनावा स्थित डेरा सच्चा सौदा आश्रम में हिंसा के वांछितों की तलाश में एसआईटी हरियाणा द्वारा छापा मारा गया था। उसके बाद से ही डेरे पर नजर रखी जा रही थी। 2017 से अब तक डेरे पर सन्नाटा-सा पसरा हुआ है। यह सन्नाटा रहस्मयी बताया जाता है। हालांकि यहां के अधिकांश प्रमुख सेवादार भूमिगत हो गए हैं। लेकिन माना जाता है कि इनकी गतिविधियां अभी भी बनी हुई है।
सेवादारों ने बाहरी दुनिया से तोड़ लिया नाता वहीं डेरा के भीतर रहने वाले सेवादारों ने बाहरी दुनिया से नाता सा तोड़ लिया है। पंचकुला हिंसा के बाद से डेरे के बहुत से सेवादारों को पुलिस ने मौके से ही धर दबोचा था तो बहुत से सेवादारों को बाद में जगह-जगह से गिरफ्तार किया गया। इसके बावजूद हिंसा में शामिल रहे कुछ प्रमुख सेवादार फरार चल रहे हैं। फरार चल रहे इन वांछितों की तलाश के लिए डेरा आश्रम पर नजर रखी जा रही है।