scriptअब प्रदूषित पानी से बीमार नहीं होंगे ग्रामीण, 40 करोड़ से गांव-गांव पहुंचेगा शुद्ध पेयजल | Villagers of Baghpat district will get pure drinking water in March | Patrika News

अब प्रदूषित पानी से बीमार नहीं होंगे ग्रामीण, 40 करोड़ से गांव-गांव पहुंचेगा शुद्ध पेयजल

locationबागपतPublished: Dec 08, 2019 02:33:02 pm

Submitted by:

lokesh verma

Highlights- बागपत जिले के ग्रामीणों को मिलेगा हिंडन नदी के प्रदूषित पानी से छुटकारा- जल निगम ने 29 गांवों में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए तैयार की 40 करोड़ की परियोजना – मार्च 2020 तक 20 गांवों में होगी शुद्ध पेयजल की सप्लाई

बागपत. जिले के ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए कार्य काफी तेजी से चल रहा है, ताकि ग्रामीणों को हिंडन नदी के प्रदूषित पानी से छुटकारा मिल सके और उन्हें शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो सके। ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 29 गांवों के लिए कार्य योजना तैयार की गई है, जिसमें चालीस करोड़ का बजट खर्च किया जाएगा। विभाग का लक्ष्य मार्च 2020 तक बीस गांवों में ग्रामीणों को शुद्ध पेजयल उपलब्ध कराना है।
यह भी पढ़ें

योगी सरकार ने छात्राओं को दिया बहुत बड़ा तोहफा, खिल उठे लड़कियों के चेहरे, देखें वीडियो

बता दें कि जिले के 55 गावों से होकर हिंडन व कृष्णा नदी गुजर रही हैं, जिनका पानी काफी प्रदूषित हो चुका है। प्रदूषित पानी पीने से ग्रामीणों में बीमारी फैलती जा रही हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र में कई ग्रामीणों की मौत कैंसर की बीमारी से हो चुकी है। एनजीटी के आदेश पर हैंडपंपों को भी उखाड़ दिया गया है, जिसके बाद से ग्रामीण पीने के पानी की बूंद-बूंद के लिए तरस गए हैं।
ग्रामीणों की समस्या को देखते हुए जल निगम विभाग ने 29 गांवों में शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए 40 करोड़ रुपये की परियोजना का प्रस्ताव बनाया गया है, जिस पर अंतिम मोहर लग चुकी है। इसके तहत बीस गांवों के ग्रामीणों को मार्च 2020 तक शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके लिए कार्य काफी तेजी से चल रहा है, ताकि ग्रामीणों को निर्धारित समय में पानी उपलब्ध करा दिया जाए। इस परियोजना के तहत 14 गांवों में बोरिंग का कार्य पूरा हो चुका है और वहां पानी की टंकी का निर्माण कार्य चल रहा है। वहीं छह गांवों में बोरिंग का कार्य काफी तेजी से हो रहा है। उसके बाद वहां पानी की टंकी का निर्माण किया जाएगा, जो मार्च तक पूरा हो जाएगा। कार्य पूरा होने के बाद ग्राम पंचायत को पानी की टंकी हैंडओवर कर दी जाएगी। फिर ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी होगी कि वह ग्रामीणों को पानी उपलब्ध कराए।
बता दें कि आठ गांवों में अभी टेस्टिंग कार्य चल रहा है। टेस्टिंग रिपोर्ट आने के बाद पानी की जांच होगी, जिसके बाद बोरिंग कार्य किया जाएगा। यदि पानी की रिपोर्ट में किसी भी तरह की कमी आती है तो दूसरे स्थान को चिह्नित किया जाएगा और प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही कार्ययोजना को आगे बढ़ाया जाएगा। वहीं किशनपुर में जगह नहीं मिलने के कारण कार्ययोजना पूरी तरह से अधर में लटकी है और गांव में जमीन मिलने के बाद ही किसी तरह का कार्य हो पाएगा।
इन गांवों में संचालित होगी योजना

बाखरपुर बालैनी, बुढ़सैनी, हबीबपुर नंगला, गल्हैता, शाहपुर बाणगंगा, गढ़ी कांगरान, रहतना, दादरी, धनौरा टीकरी, मांगरौली, इदरीशपुर, फखरपुर शेखपुरा, आदमपुर, सूजती, बोपुरा, चिरचिटा, चंदायन, बेगमाबाद गढ़ी और सरोरा आदि गांवों को योजना में शामिल किया गया है।
यह कहते हैं अधिकारी

सीडीओ बागपत पीसी जायसवाल का कहना है कि ग्रामीणों को शुद्ध पानी देने का लक्ष्य है। शुद्ध पानी उपलब्ध कराने के लिए तेजी से कार्य कर रहे हैं। जल निगम विभाग को इसके लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसमें किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने की हिदायत भी दी गयी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो