जानकारी के मुताबिक मंगलवार साढ़े तीन बजे अचानक तेज अंधड़ के साथ बारिश (rain)का दौर शुरू हुआ। हवाओं का वेग इतना था कि महज 20 मिनट के दौरान 16 बिजली के पोल गिर गए वहीं कई जगहों पर पेड़ धराशायी हो गए। कई जगहों पर पेड़ों की टहनियां विद्युत लाइन पर गिरने से पोल टूट गए।
दूर तक उड़ गए टीन-टप्पर
अचानक आए अंधड़ से टीन-टप्पर उड़ गए वहीं कई दुकानों पर लगे हार्डिंग व बैनर दूर तक जा गिरे। उधर, हाइवे सहित मुख्य सड़क मार्गों पर अचानक तेज हवाओं से वाहनों की आवाजाही थम गई। गनीमत रही कि हादसों में कोई जनहानि नहीं हुई।
सूचनाओं पर दौड़ती रही बिजली की गाड़ी
अंधड़ के बाद बिजली के पोल टूटने से बगरू व आसपास के क्षेत्र में बिजली गुल हो गई। विद्युत कार्यालय में फोन घनघनाते रहे। अंधड़ थमने के बाद विद्युत निगम के कर्मचारी लाइनों को दुरुस्त करने में जुट गए और सूचना के बाद इधर-उधर दौड़ते रहे। कई जगहों पर बार-बार ट्रिपिंग भी हुई। आधे बगरू कस्बे में देर रात तक विद्युत सप्लाई सुचारू नहीं हो पाई।
विद्युत निगम के कनिष्ठ अभियंता आशीष लाटा ने बताया कि तूफान में करीब आठ-दस पेड़ टूटकर बिजली के तारों पर गिर गए जिससे कस्बे के रामपुराऊंती रोड, दुलेत कॉलोनी, नरवरिया रोड, गोशाला रोड, देवनगर के पास करीब 16 पोल गिर गए। जिससे विद्युत आपूर्ति ठप हो गई। कई जगहों पर सप्लाई सुचारू कर दी और अन्य जगहों पर लाइन जोडऩे का काम रात तक जारी रहा।
यहां भी पेड़ व पोल गिरे
महलां. कस्बे सहित छीतरोली, अवानिया, कोदर, बगरू रावान गांवों में तेज बारिश और अंधड़ से विद्युत पोल एवं पेड़ टूट गए। अवानियां सरपंच मदन निठारवाल, कांसेल सरपंच रतनी देवी जाखड़ ने बताया कि अंधड़ चलने बाजरे की फसल खेतों में पसर गई। बगरू रावान में विद्युत पोल टूट गए। राजपुरा में करीब आधा दर्जन पेड़ धाराशायी हो गए। छीतरोली-बोराज सड़क पर पेड़ गिरने से आवागमन बाधित हो गया। वहीं विद्युत आपूर्ति ठप हो गई।