दस साल बीते, ना लगी फैक्ट्री ना मिला किसानों को रोजगार
कुंज बिहारीपुरा रीको के विस्तार को नहीं लगे पंख
दस साल बीते, ना लगी फैक्ट्री ना मिला किसानों को रोजगार
जयपुर. राज्य सरकार ने औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए किसानों की सैकड़ों बीघा भूमि को अवाप्त कर मुआवजा दे दिया। तब लोगों को आस थी कि रीको का विस्तार होगा तो रोजगार मिलेंगे। लेकिन दस साल गुजरने के बाद ना तो यहां एक भी फैक्ट्री लगी और ना ही एक भी रोजगार मिला।
जानकारी के अनुसार वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने रीको का विस्तार करने के लिए महलां के पास कुंज बिहारीपुरा रीको इंडस्ट्रीयल एरिया के नाम पर तीन पंचायतों की 4100 बीघा भूमि अधिग्रहण कर डीएलसी दर पर किसानों को भुगतान कर दिया था। इसके बाद 10 साल गुजरने के बाद भी कुंज बिहारीपुरा रीको में एक उद्योग भी नहीं लग पाया। जबकि रीको के विस्तार के लिए मंडोर, कांसेल, टिकेल, रोटवाड़ा, कुंज बिहारीपुरा, सांवल गांवों के किसानों की भूमि अधिग्रहण की तो आस थी कि स्थानीय लोगों को रोजगार मिलेगा लेकिन एक दशक बाद भी यहां वीरानी छाई है।
पहले था फसलों से आबाद, अब उगे हैं बबूल
किसानों ने बताया कि रीको की भूमि में जहां पहले चना, सरसों, बाजरा, ज्वार आदि फसलों से खेत लहलहाते थे। अब उस जगह बबूल के पेड़ों ने अपना कब्जा जमाया हुआ है। किसानों की भूमि अवाप्ति के बाद क्षेत्र की पंचायतों में कृषि कार्य भी नगण्य सा हो गया है। किसानों को उम्मीद थी कि रीको का विस्तार होने से उद्योग धंधों में स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध हो सकेगा लेकिन अगले कई सालों तक इसकी भी उम्मीद नहीं है।
रीको नहीं दिखा रहा रुचि
कुंजबिहारीचुरा औद्योगिक क्षेत्र में 10 साल गुजरने के बाद भी एक भी उद्योग का विस्तार नहीं हो पाया। रीको प्रशासन ने भूमि को अवाप्त करने के बाद चारदीवारी बनाने के सिवाय कुछ भी नहीं किया। अब यह भूमि महज जंगलात में तब्दील हो चुकी है। किसानों की मांग है कि जल्द यहां इकाइयां शुरू की जाएं तो बेरोजगारों को रोजगार मिल सके।
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