सबसे पहले फफूंदनाशक का आवश्यकतानुसार पानी मिलाकर अच्छी तरह से 6—1 मिलीलीटर प्रति किलोग्राम बीज मात्रा से उपचारित करें। अंत में दलहनी फसलों को राइजोबियम पीएबी व अन्य फसलों को एजेक्टोबैक्टर, पीएबी के 3-3 पैकेट प्रति हैक्टेयर के साथ 250 ग्राम गुड़ को पानी में घोलकर उपचारित करें। बीज को 1-2 घंटे छाया में सुखाकर बुवाई करने से फसल स्वस्थ रहती है।
कृषि उप निदेशक जयपुर बी.आर.कड़वा ने बताया कि बीजोपचार स्वस्थ फसल का आधार होता है। जिस प्रकार बालक के स्वास्थ्य के लिए टीकाकरण जरूरी होता है वैसे ही फसलों के लिए बीजोपचार आवश्यक है।
सहायक निदेशक कृषि विस्तार सांगानेर रेखा चौधरी ने बताया कि बीजोपचार फसल उत्पादन की पहली सीढ़ी है। फसल को मृदाजनित रोगों व कीटों से बचाव के लिए बीजोपचार अत्यंत आवश्यक है।