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बालाघाट

गरीब शोषितों की आवाज बने अधिवक्ता कुरैशी बंधु

जनहित याचिकाओं के माध्यम से दिलवा रहे न्यायकर्मचारियों को न्याय दिलवाने अब भी जारी संघर्षबिना कोई स्वार्थ के कोर्ट में करते हैं ऐसे मामलों की पैरवी

बालाघाटDec 03, 2022 / 04:17 pm

mukesh yadav

गरीब शोषितों की आवाज बने अधिवक्ता कुरैशी बंधु

गरीब शोषितों की आवाज बने अधिवक्ता कुरैशी बंधु

बालाघाट. सन 2010 की बात की बात है। एक शिक्षा कर्मी लेखेश्वर चंदनवार वर्ग एक में चयनित होने के बावजूद नियुक्ति पाने बेजा परेशान था। जिला पंचायत के चक्कर काटकर मानसिक रूप से काफी परेशान और हताश हो चुका था। हमने कानूनी लड़ाई लडकऱ उसे न्याय दिलाया। आज वह जिले के भानेगांव में वर्ग एक में नौकरी कर रहा है। इस छोटी सी मदद के बदले वह व उसका पूरा परिवार ढेरों दुआएं आज भी देता है। इस वाक्ये से हमें वीजन मिला, बस तभी से गरीब, शोषितों की आवाज बनना हमनें शुरू कर दिया।
यह कहना हाईकोर्ट और जिला न्यायालय के अधिवक्ता वायए कुरैशी का है। वायए कुरैशी अपने छोटे भाई इकबाल एहमद कुरैशी के साथ कुछ इसी तरह के मामलों में गरीब शोषितों की मदद करते आ रहे हैं। इन्होंने बताया कि ऐसे कई मामले हैं, जिनमें उन्होंने जनहित याचिकाओं और हाईकोर्ट में याचिका दायर कर लोगों को न्याय दिलाया है। इनमें गरीब असहायों की संख्या अधिक है। ऐसे भी कई मामले हैं, जिनमें एड. कुरैशी को स्वयं के जेब से राशि भी खर्च करनी पड़ी। लेकिन इस बात से उन्हें कोई मलाल नहीं है। उनका प्रयास रहता है कि भले ही उन्हें प्रार्थी से कोई इनाम न मिले, लेकिन कानूनी जानकारी से अनभिग्यों को न्याय अवश्यक मिलना चाहिए। ताकि कानून पर उनका भरोसा बना रहे।
चार सौ से अधिक मामलों में की पैरवी
एड वायए कुरैशी ने बताया कि 2001 से उन्होंने वकालत शुरू की है। पारीवारिक आर्थिक रूप से संपन्न होने के कारण उन्होंने कभी वकालत को धन दौलत कमाने का रास्ता नहीं समझा। हालहि में उन्होंने जिला न्यायालय के सामने इंडियन आटो गैराज बचाकर वहां के मजदूरों को न्याय दिलाया है। सरकारी विभागों के दैनिक वेतन कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायिकाओं सहित अन्य कर्मचारियों के लिए आज भी हाईकोर्ट में लड़ाई लड़ रहे हैं। कुछ मामलों में सफलता भी मिली और कर्मचारी नियमित किए गए। इस तरह के अब तक वे 400 से अधिक मामलों में पैरवी कर चुके हैं। गरीब शोषियों के लिए संघर्ष का यह सिलसिला आज भी अनवरत जारी है। अब एड. कुरैशी बंधुओं को जानने व मानने वालों की संख्या भी बढ़ गई। एड कुरैशी का मानना है कि सच्चाई व वाजिब हक के लिए लगन से मेहतन करों तो सफलता अवश्य मिलती है।

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