छोटी सी भूल का भयावह परिणाम
बिना परीक्षण कुंए में उतरे एक ही परिवार के तीन लोगों की मौतकुएं में मोटर निकालते समय हुआ हादसासावधान! बिना सावधानी के कुंए में न उतरे आमजन
छोटी सी भूल का भयावह परिणाम
बालाघाट. छोटी सी भूल के इतने भयावह परिणाम भी सामने आ सकते हैं इसका अंजादा भी नहीं लगाया जा सकता है। कुछ इसी तरह का मामला लांजी क्षेत्र के डोरली गांव से सोमवार को सामने आया। यहां बिना परीक्षण किए कुंए में मोटर निकालने उतरे एक ही परिवार के तीन लोग अकाल ही काल के गाल में समा गए। बताया गया कि कुंए में जहरीली गैस का रिसाव हो रहा था। जिसके संपर्क में आते ही तीन ग्रामींण बेहोश होकर कुंए में ही गिर गए। इस दौरान कुंए के पानी में डूबने से उनकी मौत हो गई। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मृतक जियाराम सिंह पिता गजराज सिंह सिसोदिया (४०), छोटा भाई बेनीराम (२५) व उसका पुत्र विशालसिंह पिता जियाराम सिंह (१८) के शव को कुएं से बाहर निकाला गया। पंचनामा कार्रवाई के बाद शवों का पीएम करवाकर परिजनों को सौंप दिया गया है।
प्रधान आरक्षक परमानंद भगत ने बताया कि ५ अगस्त की सुबह मृतक जियारामसिंह अपने भाई बेनीराम व पुत्र विशाल के साथ घर के पीछे स्थित कुएं में लगी मोटर निकाल रहे थे। इस दौरान जियाराम सिंह कुएं में मोटर निकालने नीचे उतरा जो वापस नहीं लौटा, जिससे बेनीराम भी कुंए में बिना परीक्षण नीचे गया, उसके बाद विशाल भी कुएं में नीचे उतरा। तीनों की कुएं में जहरीले गैस रिसने से डूबकर मौत हो गई। जिसकी सूचना थाना में मिलने पर मौके पर पहुंच तीनों के शव को बाहर निकाल पंचनामा व पोस्टमार्टम कार्रवाई कर मर्ग कायम किया गया। पुलिस मामले की विवेचना कर रही है।
कुंए में बनती है मिथेन गैस
पत्रिका ने कुंए में बनने वाली जहरीली गैस के बारे में कुछ चिकित्सा विशेषज्ञों से जानकारी एकत्रित की। इस दौरान चिकित्सक कपूरचंद डेहरे ने बताया कि कुंए में बारिश के मौसम में मिथेन गैस निकलती है। डॉ डेहरे के अनुसार कम वर्षा वाले क्षेत्रों की जमीन के अंदर गर्माहट होती है। जब इस जमीन में हल्की बारिश होती है तो वाष्प (भाप) बनती है। यह वाष्प बाहर आने के लिए रास्ते बनाती है, इस कारण कुंए में जिस जगह से पानी रिसाव होकर एकत्रित होता है यह वाष्प उसी पानी के सहारे रिसते हुए निकलती है। जमीन के अंदर कई तरह के जीवाणु, लवण व अन्य पदार्थ होने यह वाष्प मिथेन गैस बन जाती है, जो शरीर के लिए काफी हानीकारण होती है। इसके संपर्क में आने से सांस लेने में समस्या आती है और ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जिससे इंसान की मौत हो जाती है।
जागरूकता का अभाव
डोरली ग्राम के कुंए में कुछ ऐसा ही हुआ। इस घटना ने पूरे क्षेत्रवासियों को झकझोर कर रख दिया है। इस हादसे के बाद ग्रामीण अंचलों में जागरुकता की कमी होने की बात सामने आई है, वहीं इस तरह की घटनाओं के बचाव के लिए शासन-प्रशासन द्वारा भी कोई प्रयास या जागरुकता अभियान नहीं चलाए गए हैं। परिणाम स्वरूप इस तरह के मामले लगातार सामने आते रहते हैं। इसी गांव से पिछले वर्ष भी एक युवक की मौत जहरीली गैस के रिवास के कारण कुंए में डूबने से हो चुकी है। वहीं पिछले दो वर्ष का आंकड़ा ही माने तो जिले में करीब आधा दर्जन से अधिक लोगों की मौत कुंए में जहरीली गैस के कारण हो चुकी है।
प्रशासन नहीं चला रहा अभियान
वरिष्ठ भाजपा नेता राजेश भाई चावड़ा, अधिवक्ता इकबाल अहमद कुरैशी और गोंगलई सरपंच गंगाप्रसाद लिल्हारे के मुताबिक जिस तरह शासन प्रशासन बांढ से बचने, आगजनिक, सर्पदंश की घटनाओं से बचने और सजग रहने जागरुकता अभियान चलाते हैं। इसी तरह कुंए में जहरीली गैस के रिसाव से कैसे बचे या क्या सावधानियां बरती जाए इस बारे में भी जागरुकता अभियान चलाया जाना चाहिए। ताकि ग्रामीणों में जागरुकता आए और ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
यह बरते सावधानियां
बारिश के दिनों में कुएं में जहरीली गैस रिसाव से हो रही घटनाओं की रोकथाम के लिए जागरूकजनों ने सावधानियां बरतने की अपील की है। राजेश भाई चावड़ा के अनुसार किसानों एवं ग्रामीणों से अपील की है कि कुएं में उतरने के पूर्व सावधानियां बरती जावें। कुएं में उतरने के पूर्व रस्सी के माध्यम से लालटेन आदि डालकर देखा जावें कि कहीं गैस का रिसाव तो नहीं हो रहा है। उसके बाद ही कुएं में सावधानी पूर्वक उतरें।
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