सपनों का आशियाना बनाने नियमों का आ रहा अडंगा
राशि स्वीकृति के बावजूद आदिवासी नहीं बनवा पा रहे अपने आवासजमींन पट्टे नहीं होने से वन विभाग ने लगाई रोकसरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने मजबूर आदिवासीलांजी जनपद क्षेत्र के उलटनाला गांव का मामला
सपनों का आशियाना बनाने नियमों का आ रहा अडंगा
बालाघाट/लांजी। केन्द्र सरकार की जनमन योजना से पक्के आवास का सपना संजोए आदिवासियों के सपने चकनाचूर होते नजर आ रहे हैं। योजना के तहत बैगा आदिवासियों के आवास स्वीकृत किए गए। उनके खातों में राशि भी डलवा दी गई है। लेकिन अब पट्टा नहीं होने के कारण उन्हें मकान निर्माण करने नहीं दिया जा रहा है। मामला लांजी जनपद क्षेत्र के वनांचल ग्राम उलटनाला का सामने आया है।
बताया गया कि इस ग्राम के करीब 15 आदिवासी परिवारों के आवास स्वीकृत कर जनवरी माह में खातों में राशि भी डलवा दी गई है। इन्होंने आवास निर्माण शुरू किया तो वन विभाग ने वनभूमि का पट्टा नहीं होने की बात कहते हुए निर्माण कार्य रुकवा दिया। गुरूवार को सभी परिवार के सदस्य वनविभाग के कार्यालय पहुंचे। जिन्होंने मकान बनाने अनुमति प्रदान करने की मांग की।
आज तक नहीं मिला पट्टा
परेशान ग्रामीणों ने बताया की उन्होंने पंचायत सचिव को पट्टा दिलाने दस्तावेज और जानकारी उपलब्ध करा दी थी। लेकिन उन्हें आज तक पट्टा नहीं दिया गया है। उनके सामने भीषण गर्मी में सिर छुपाने जगह नहीं है। आवास निर्माण करने पर वन विभाग रोक लगा रहा है। वहीं जनपद के अधिकारी शीघ्र आवास निर्माण करने दवाब बना रहे हैं। दोनों तरफ से ग्रामीणों को परेशान होना पड़ रहा है।
ग्रामीणों ने किया हंगामा
दोनों विभागों के नियमों से परेशान ग्रामीण आक्रोशित होकर वन विभाग के कार्यालय पहुंचे। जिन्होंने अपनी परेशानी रेंजर के समक्ष रखी। वन अमले के अनुसार जनपद जनमन आवास योजना के तहत सभी बैगा आदिवासियों को आवास योजना का लाभ दिया जाना है। लेकिन पंचायत और जनपद के जिम्मेदारों ने ऐसे ग्रामीणों के भी आवास स्वीकृत करवा दिए गए हैं, जिनके पास उनकी भूमि के पट्टे ही नहीं हैं। ऐसे में वन विभाग उन्हें वन भूमि पर भवन निर्माण करने की अनुमति प्रदान नहीं कर पा रहा है। रेंजर की समझाईश के बाद ग्रामीणों को बैरंग लौटा दिया गया।
इस तरह मिलेगा पट्टा
इस पूरे प्रकरण रेंजर अभिषेक जाट के अनुसार बैगा परिवार बिना पट्टे के आवास का लाभ प्राप्त नहीं कर सकते हैं। उन्हें वन अधिकार पत्र के लिए सर्वप्रथम अपना आवेदन ग्राम वन समिति में लगाना होगा, जो इनका आवेदन स्वीकृत कर ब्लॉक स्तर पर भेजेंगे। वहां जांच के बाद जिला स्तर पर इनका आवेदन जाएगा और जिला स्तरीय समिति यह तय करेगी कि किसे पट्टा दिया जाए और किसे नहीं। उसके बाद यह मकान निर्माण कर सकते हैं।
वर्सन
उलटनाला में जो बैगा निवास कर रहे हैं, उनके जनमन योजना से आवास स्वीकृत हुए हैं। उनके पास वन अधिकार पत्र नहीं है। इस वजह से हम मकान बनाने की अनुमति नहीं दे सकते। उन्हें पहले पट्टा बनवाना होगा।
अभिषेक जाट, परिक्षेत्र अधिकारी पूर्व लांजी
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