दिव्यांगों से बसों में पूरा किराया वसूला तो खैर नहीं
दिव्यांगों की शिकायत पर परिवहन अधिकारी ने दिखाई सख्ती, बस संचालकों को दिए निर्देश
दिव्यांगों से बसों में पूरा किराया वसूला तो खैर नहीं
कटंगी. दिव्यांगों द्वारा यदि सफर किया जाता है और उनसे पूरा किराया वसूला जाता है तो बस संचालकों की खैर नहीं है। यह चेतावनी शुक्रवार को जिला परिवहन अधिकारी ने बस संचालकों को दी है। दरअसल, शासन ने दिव्यांगों को बस किराए में 50 प्रतिशत तक छूट देने संबंधी अधिसूचना काफी समय पहले ही जारी कर दी है। इसे परिवहन विभाग ने लागू भी कर दिया है। लेकिन बस ऑपरेटर दिव्यांगों से पूरा किराया वसूल कर रहे है। बस संचालकों का कहना है कि उन्हें अभी तक आदेश नहीं मिला है। गौरतलब हो कि परिवहन विभाग की लापरवाही के चलते बस संचालकों को उक्त आदेश के संबंध में अब तक पूरी जानकारी नहीं मिल पाई है। जिस कारण दिव्यांगजनों को परेशानी और अधिक किराया देना पड़ रहा है। ज्ञात रहे कि गत दिनों दिव्यांग एकता एवं कल्याण मंच जिलाध्यक्ष क्रांति टेकाम के नेतृत्व में दिव्यांगजनों ने जिला कलेक्टर व जिला परिवहन अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर सभी दिव्यांगजनों के प्रमाण पत्र बनाने और उक्त आदेश के प्रचार-प्रसार करने की मांग की थी। लेकिन प्रशासन ने इस काम में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। जिसके चलते शुक्रवार को पुन: दिव्यांग अपनी शिकायत लेकर पहुंचे तो आरटीओ ने बस संचालकों को आधा किराया ही लेने की बात कही।
मध्यप्रदेश शासन द्वारा दिव्यांगों के लिए सभी प्रकार की बसों में 5 सीट या बर्थ आरक्षित रखने, किराए में 50 प्रतिशत की रियायत देने का आदेश जारी किए है। इस आदेश का परिपालन हो रहा है या नहीं इस बात की पुष्टि करने के लिए दिव्यांग एकता एवं कल्याण मंच का एक दो सदस्यीय दल इन दिनों सभी जिलों के दौरे पर है। इस दल में ओंकार पाल और चंद्रसिंह मालवीय शामिल है। शुक्रवार को यह दल बालाघाट पहुंचा तब जिलाध्यक्ष सहित अन्य दिव्यांगजनों ने उनसे उक्त आदेश का पालन नहीं होने के संबंध में जानकारी दी। जिसके बाद दल के सदस्यों एवं दिव्यांगजनों ने जिला परिवहन अधिकारी से सर्किट हाउस बालाघाट मुलाकात कर शिकायत की।
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