बलिया के फेफना कस्बा निवासी पेशे से निजी चैनल में पत्रकार रतन सिंह सोमवार की रात पैदल ही घर की ओर जा रहे थे। इसी दौरान घर के नजदीक ही उनपर हमला हाे गया। बचने के लिये उन्होंने भागने की कोशिश की तो हमलावरों ने दौड़ाकर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। घटना से इलाके में सनसनी फैल गई। हत्या के बाद परिजन और पत्रकार व कुछ संगठन के लोग सड़क पर उतर आए। सूचना मिलते ही बलिया एसपी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। परिजनों समेत आक्रोशित लोग पुलिस की निष्क्रियता को घटना की वजह बताते हुए कार्रवाई की मांग कर रहे थे। परिजनों का आरोप था कि घटना पुलिस की मिलीभगत से अंजाम दी गई है। फोन करने के बावजूद एसओ घटना स्थल पर नहीं आए। एसपी ने किसी तरह से लोगों को मनाया। इस मामले में फेफना एसओ शशिमौली पाण्डेय को सस्पेंड कर दिया गया। उनकी जगह सोनभद्र से आए राजीव मिश्रा को नया थानाध्यक्ष बनाया गया है।
उधर घटना की बाबत डीआईजी रेंज आजमगढ़ सुभाष चन्द्र दुबे ने बताया कि हत्या जमीन विवाद में पुरानी रंजिश के चलते हुई है। इस मामले में कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर हत्या के बाद खुद मुख्यमंत्री ने भी ट्वीट कर दुख जताया और परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद का भी ऐलान किया गया। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए मंगलवार को दिन में हत्याकांड के छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला खुद पोस्ट मार्टम हाउस पहुंचे और कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होगी। पुलिस की संदिग्ध भूमिका की जांच का भी भरोसा दिलाया। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई कियेेे जाने की बात कही। मुआवजा राशि बढ़ाने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी की मांग पर उन्होंने कहा कि इसके लिये वह मुख्यमंत्री से बात करेंगे।
By Amit Kumar