मैदान के अंदर से महिलाएं महिला पुलिस से बार-बार दरवाजा खोलने की गुहार लगाती रहीं, पर पुलिस उनकी एक न सुनी। इस दौरान ताला न खोलने का कारण पूछा गया, तो पुलिस ने कहा ताला खुला रहेगा तो स्टेडियम से भीड़ निकल जाती। जैसे ही सभा समाप्त हुई तभी स्टेडियम का मुख्य दरवाजा खोला गया।
दरवाजा खुलते ही धक्का-मुक्की से नीचे गिरीं महिलाएं
दरअसल मुख्यमंत्री की सभा स्टेडियम में शाम के समय थी। जहां दूर-दराज से आईं महिलाएं खासकर बच्चों के साथ आईं महिलाएं घर जाने के लिए परेशान होने लगी। इस कारण वे स्टेडियम का दरवाजा खुलवाना चाहती थीं। ज्ञात रहे बस से दोपहर 12 बजे से ही यहां भीड़ आना शुरू हो गया था।
भूखे-प्यासे शाम 6 बजे तक स्टेडियम में हजारों की संख्या में लोग बैठेे रहे। शाम को पूरे स्टेडियम के दरवाजे पर ताला लगा दिया गया। उसके बाद छोटे बच्चों की रोने की आवाज और धक्का-मुक्की से पुलिस के पसीने छूट गए। जैसे ही दरवाजा खुला तो जल्दी जाने के फेर में धक्का-मुक्की होने लगी इस कारण तीन महिलाएं अचानक नीचे गिर पड़ीं।
जिला प्रशासन ने इस दौरान तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। सैकड़ों बस से जिले के हर गांव व पंचायतों से लोग बुलाए गए थे। इस कारण पंडाल भी छोटा पड़ गया। इतनी भीड़ और आयोजन के लिए मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन व भाजपा कार्यकर्ताओं की तारीफ की।
सभा में नहीं गए तो मस्टररोल में नहीं भरी जाएगी हाजिरी
इधर जिला मुख्यालय से महज 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम अंगारी के मनरेगा मजदूरों को उस वक्त असहज व दबाव का सामना करना पड़ा जब उन्हें मुख्यमंत्री की विकास यात्रा में शामिल होने दबाव बनाया गया। सरपंच, सचिव व रोजगार सहायक द्वारा धमकी दी गई कि सभा में नहीं गए तो उनकी हाजिरी मस्टररोल में नहीं भरा जाएगा। मामला मंगलवार को सामने आया।
इसलिए सुबह से हर पंचायतों से सभा में शामिल होने लोगों की भीड़ शुरू हो गई थी। ग्राम अंगारी में मनरेगा काम चल रहा था यहां पंचायत के माध्यम से सभा में जाने गाड़ी किराया किया गया था। दोपहर में मजदूर हाजिरी दिलाने कार्यस्थल पर पहुंचे, लेकिन हाजिरी से पहले वहां के रोजगार सहायक द्वारा कहा गया यदि मजदूर सभा में जाने से मना किया तो उसका नाम मस्टररोल में दर्ज नहीं किया जाएगा।
भाजपा में दिखी गुटबाजी
भाजपा जिला बालोद के संगठन में एक बार फिर गुटबाजी देखी गई। जगह-जगह लगे पोस्टर में छपे चित्र को देखकर स्पष्ट हो गया कि भाजपा में कितनी गुटबाजी है। भाजपा में जिला पदाधिकारियों में अहम पद पर बैठे नेता अभी तक गुटबाजी दूर करने में सफल नहीं हो पाए।