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बालोद

13 दिन बाद रसोइयों की हड़ताल समाप्त, मंगलवार से स्कूलों में जलेगा चूल्हा, मिलेगा भोजन

नियमितीकरण व कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मांग को लेकर मध्याह्न भोजन रसोइया संघ 13 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। अब प्रदेश संगठन के निर्देश के बाद मंगलवार से रसोइया काम पर लौटेंगे। हड़ताल के कारण जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन ठप हो गया था। बच्चों को अपने घर से भोजन लाना पड़ रहा था।

बालोदMar 26, 2023 / 11:52 pm

Chandra Kishor Deshmukh

नियमितीकरण व कलेक्टर दर पर मानदेय

13 दिन बाद रसोइयों की हड़ताल समाप्त, मंगलवार से स्कूलों में जलेगा चूल्हा, मिलेगा भोजन

बालोद. नियमितीकरण व कलेक्टर दर पर मानदेय देने की मांग को लेकर मध्याह्न भोजन रसोइया संघ 13 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। अब प्रदेश संगठन के निर्देश के बाद मंगलवार से रसोइया काम पर लौटेंगे। हड़ताल के कारण जिले के प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में मध्याह्न भोजन ठप हो गया था। बच्चों को अपने घर से भोजन लाना पड़ रहा था। रसोइया संघ के जिला अध्यक्ष नुकेश कुमार ने बताया कि जायज मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। प्रदेश संगठन के मुताबिक प्रदेश पदाधिकारियों की टीम ने शासन से मिले आश्वासन के बाद आंदोलन समाप्त करने का निर्णय लिया है। इसलिए सोमवार को जिला प्रशासन को ज्ञापन सौपेंगे और मंगलवार से काम पर लौटेंगे।

मंगलवार से बच्चों को मिल सकता है भोजन
जिला शिक्षा विभाग के मुताबिक जिले से लगभग 3 हजार रसोइया हड़ताल पर थे। बच्चे मध्याह्न भोजन से वंचित रहे। अब मंगलवार से बच्चों के लिए भोजन बन सकता है। स्कूलों में बुझे चूल्हे फिर से जल सकते हैं।

प्रदेश पदाधिकारियों के निर्देश पर तैयार होगी आगे की रणनीति
संघ के जिला अध्यक्ष नुकेश कुमार ने बताया कि अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कई बार किया। यह आंदोलन अनिश्चितकालीन रहा। हालांकि अभी आगे की भी रणनीति तैयार की जाएगी। अभी जिला व प्रदेश स्तर पर बैठक भी होगी।

इतने कम मानदेय में कैसे चलेगा काम
संघ के सदस्यों व महिलाओं ने कहा कि एक दिन की रोजी लगभग 50 रुपए पड़ रही है। कहीं भी इतनी कम राशि नहीं है। मध्याह्न भोजन बनाने का काम सिर्फ एक घंटे का नहीं है। सुबह 10 से दोपहर तीन बज जाते हैं। चूल्हा जलाने से लेकर खाना बनाना, बच्चों का बर्तन साफ करना, परोसना व साफ-सफाई करना पड़ता है। फिर भी सरकार को रसोइयों का काम कम लगता है।

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