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बालोद : स्वर्ण कप फुटबॉल फंड की कमी बताकर बंद कर दिया, अब भी लोगों को शुरू होने का इंतजार

दल्लीराजहरा नगर में 10 वर्षों से अखिल भारतीय स्वर्ण कप फुटबाल प्रतियोगिता का ना होना आमजनता एवं खेलप्रेमियों के लिए चिंता विषय बनकर रह गया। लगातार मांग के बाद बीएसपी प्रबंधन एवं राज्य में समय-समय पर रहे खेल मंत्री के आश्वासन बाद भी अखिल भारतीय स्वर्ण कप फुटबाल प्रतियोगिता का मामला अटक कर रह गया है।

बालोदFeb 06, 2021 / 02:48 pm

Chandra Kishor Deshmukh

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स्वर्ण कप फुटबॉल फंड की कमी बताकर बंद कर दिया अब भी लोगों को शुरू होने का इंतजार

बालोद/दल्लीराजहरा. नगर में 10 वर्षों से अखिल भारतीय स्वर्ण कप फुटबाल प्रतियोगिता का ना होना आमजनता एवं खेलप्रेमियों के लिए चिंता विषय बनकर रह गया। लगातार मांग के बाद बीएसपी प्रबंधन एवं राज्य में समय-समय पर रहे खेल मंत्री के आश्वासन बाद भी अखिल भारतीय स्वर्ण कप फुटबाल प्रतियोगिता का मामला अटक कर रह गया है।
भिलाई इस्पात संयंत्र ने इस नगर में एक अच्छा स्टेडियम तैयार कर वर्ष 1975 से अखिल भारतीय स्वर्ण कप फुटबाल प्रतियोगिता की शुरूआत की थी। इसमेें विभिन्न राज्यों के नामचीन टीमों के राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी शिरकत कर युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बने। यही कारण था कि यहां के बच्चों एवं युवाओं में आज भी फुटबाल के प्रति लगाव है। कई युवा यहां के मैदान में फुटबाल खेलकर विभिन्न कंपनी, शासकीय एवं निजी स्कूल व रेलवे क्षेत्र मेंं फुटबाल के कोच हैं। वे भी अखिल भारतीय स्वर्ण कप फुटबाल प्रतियोगिता के बंद होने को लेकर दुख जताते हैं।

प्रतियोगिता देखने मिलती थी छुट्टी
प्रतियोगिता के शुरू होने पर आम दिनों की अपेक्षा समय पूर्व ही स्कूलों की छुट्टी दे दी जाती थी, जिससे मैच का आनंद ले सकें। खदानों में भी कर्मचारियों को अवकाश दिया जाता था। प्रतियोगिता शुरू होते ही नगर का व्यापार भी थम जाता था। ऐसा लगता था कि पूरा शहर मैदान में आ गया है। लोग आसपास के तीन मंजिला बिल्डिंग की छत पर घंटों जमे रहते थे। हर साल फाइनल मैच का आंखों देखा हाल आकाशवाणी रायपुर से प्रसारित किया जाता था।

सुविधाओं से हाथ खींच रहा प्रबंधन
भिलाई इस्पात संयंत्र प्रबंधन ने यह प्रतियोगिता 2011 तक आयोजित की। इसके बाद बंद कर दी। प्रबंधन ने फंड की कमी बताई। आयोजन के दौरान आने वाले बीएसपी अधिकारी से लेकर खेल मंत्री से खेलप्रेमियों ने फुटबाल प्रतियोगिता को पुन: शुरू कराने आग्रह किया, लेकिन उन्होंने केवल आश्वासन दिया। इधर संयंत्र प्रबंधन ने फुटबाल के अलावा प्रदेश स्तरीय लोक कला महोत्सव व अन्य सांस्कृतिक व मनोरंजनात्मक कार्यक्रमोंं से हाथ खींच लिया। शिक्षा एवं स्वास्थ्य के मामले मेें भी प्रबंधन उदासीन है।

इन टीमों ने जीते मैच, ईस्टर्न रेलवे कलकत्ता ने स्वर्ण कप पर कब्जा जमाया था
बीएसपी के पंडित जवाहरलाल नेहरू फुटबाल मैदान में 1975 में पहली बार अखिल भारतीय स्वर्ण कप फुटबाल प्रतियोगिता हुई। ईस्टर्न रेलवे कलकत्ता ने स्वर्ण कप पर कब्जा जमाया था। भिलाई इस्पात संयंत्र उप विजेता रहा। 1976 में जालंधर ब्लूस, 1977 में चंद्रा मेमोरियल कलकत्ता, 1978 में आईटीआई बैंगलोर, 1979 में बीएसएफ जालंधर एवं बीएनआर कलकत्ता ज्वाइंट विनर रहे। 1980 में बीएसएफ जालंधर ने पुन: प्रतियोगिता जीती। 1981 में जेसीटी मिल्स फगवाड़ा एवं पीएसईबी होशियारपुर ज्वाइंट विनर रहे। 1982 एवं 83 मेें तमिलनाडु इलेवन मद्रास विजेता रहा। 1985 मेंं बीएनआर कलकत्ता विजेता रही। 1986 एवं 87 मेें बीएसएफ जालंधर विजेता रहा। 1988 मेंं जेसीटी मिल्स फगवाड़ा, 1989 मेेंं एमपी इलेवन जबलपुर, 1990 में जेसीटी मिल्स फगवाड़ा, 1991 मेेें आर्मी इलेवन कलकत्ता, 1992 मेें एफसीआई कलकत्ता, 1993 मेें केरला पुलिस, 1994 मेें केरला इलेवन, 1995 में बीएनआर कलकत्ता, 1997, 98 एवं 2001 मेेें पीएसईबी होशियारपुर ने जीत हासिल की। 2002 में टाइटेनियम एफ केरला, 2003 में एसबीटी केरला, 2004 में एफसीआई कोलकाता, 2005 में सिनल्स गोवा, 2006 में एसबीटी केरला, 2007 मेें पीएसईबी होशियारपुर, 2008 में टाइटेनियम केरला, 2009 में सेंट्रल रेलवे मुंबई, 2010 मेें एससी रेलवे सिकंदराबाद एवं 2011 में एसबीटी केरला जीत हासिल की। प्रतियोगिता को आयोजित करने मेें तत्कालीन बीएसपी अधिकारी सीआर शिवास्वामी, एसजे सिंह, आरएम ढाके, सीएस ब्रम्हा, केएन कृष्णामूर्ति, डीपी बाजपेयी, यूवीएस चौहान, डीसी मेहता, जीवन मुखर्जी, डॉ. जीडी गांधी, एससी जैन, जी पुष्परंजन का योगदान रहा।
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