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बालोद

आठ साल बाद मामला कोर्ट से खारिज, अब नगर पालिका करेगी विकास व आवंटन

आठ साल से न्यायालय में चल रहे मामले को सर्किट कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब नगर पालिका आईएसएसडीपी योजना के तहत बने आवास को फिर से संवार कर पात्र लोगों को आवंटित करेगी।

बालोदDec 01, 2023 / 11:30 pm

Chandra Kishor Deshmukh

आईएसएसडीपी योजना

आठ साल बाद मामला कोर्ट से खारिज, अब नगर पालिका करेगी विकास व आवंटन

बालोद. आठ साल से न्यायालय में चल रहे मामले को सर्किट कोर्ट ने खारिज कर दिया है। अब नगर पालिका आईएसएसडीपी योजना के तहत बने आवास को फिर से संवार कर पात्र लोगों को आवंटित करेगी। साल 2008-09 में गरीबों को आवास देने आईएसएसडीपी योजना अंतर्गत कुंदरूपारा में 174 मकान बनाए गए थे, लेकिन शहर के एक व्यक्ति ने मामले में कोर्ट से स्टे ले लिया।

पूर्वजों की जमीन बता पुनरीक्षण आवेदन पेश किया था
नगर पालिका की ओर से अधिवक्ता भेष कुमार साहू ने केस लड़ा। उन्होंने बताया कि बालोद पालिका ने 2008-09 में गरीबों के लिए शासन की योजना अंतर्गत 3 एकड़ 45 डिसमिल घास भूमि में पक्का मकान दोमंजिला कुंदरूपारा में बनाया है। शिकारीपारा बालोद निवासी वीरेंद्र यादव एवं उनके परिवार ने निर्माणधीन मकान की भूमि उनके पूर्वजों की होने का दावा करते हुए राजस्व मंडल बिलासपुर, सर्किट कोर्ट रायपुर के समक्ष पुनरीक्षण आवेदन पेश किया था।

मौसमी कृषक होने से स्वामित्व का अधिकार नहीं
नगर पालिका के अधिवक्ता भेषकुमार साहू ने न्याय सम्मत तर्क पेश कर न्यायालय को बताया कि सन् 1950-51 के मालिक मकबूजा घोषणा पत्र के अनुसार उनके पूर्वजों का नाम मौसमी कृषक की हैसियत से दर्ज होने से उन्हें स्वामित्व का अधिकार नहीं मिल जाता। जमीदार उन्मूलन के पूर्व से ही उनके पूर्वजों का नाम वैध स्वामित्व में रहा हो या राजस्व अभिलेख में लिपिकिय त्रुटिवश उनके पूर्वजों का नाम विलोपित हो गया है। इसे प्रमाणित नहीं किया गया है। ऐसी स्थिति में अभिलेख का शुद्धिकरण नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि वैसे भी भू-राजस्व संहिता की धारा 57 के तहत राज्य की समस्त भूमिया में राज्य का स्वामित्व है। पीठासीन रीता शांडिल्य ने उपरोक्त तर्क के बाद वीरेंद्र यादव के आवेदन को खारिज कर दिया। मामला खारिज होने पर पर भूमि व आवासहीन गरीब परिवार के लोगों, बालोद के नागरिकों और पालिका के अध्यक्ष विकास चोपड़ा ने अधिवक्ता भेषकुमार साहू को बधाई भी दी।

3 करोड़ की लागत से बने आवास
आईएसएसडीपी योजना अंतर्गत 2009 में तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष राकेश यादव के कार्यकाल में लगभग 3 करोड़ से अटल आवास का निर्माण किया गया है। निर्माण पूरा होने के बाद विधिवत आवंटन नहीं हुआ है। अटल आवास कॉलोनी में नाली, पाइप लाइन बिछाने का काम बचा है। इस मद की राशि पालिका में जमा है।

अब आवासों व परिसर का किया जाएगा विकास
अब नगर पालिका ने आईएसएसडीपी योजना की आठ साल से बंद पड़ी फाइल को फिर खोल दिया है। योजना के तहत मकान बनाने के बाद कुछ राशि अभी भी बची है। इस राशि से नाली निर्माण, सड़क निर्माण, पेंटिंग, नल कनेक्शन व अन्य कार्य होंगे।

पात्र 174 लोगों को किया जाएगा आवंटन
वर्तमान में यहां कई लोग निवासरत हैं, जिन्हें आवास आवंटन नहीं हुआ है, वे भी निवासरत हैं। पालिका ने पहले ही 174 पात्र लोगों की सूची तैयार की थी। उन्हें ही यह आवास आवंटित किया जाएगा।

आवास क्षेत्र का विकास किया जाएगा
नगर पालिका बालोद के सुनील अग्रहरि ने कहा कि आईएसएसडीपी योजना अंतर्गत बने आवास का मामला न्यायालय में चल रहा था। मामला खारिज होने के बाद अब आवास आवंटन की प्रक्रिया एवं आवास क्षेत्र का विकास किया जाएगा।

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