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बालोद

मरम्मत के अभाव में अंचल की सड़कों ने तोड़ा दम, बड़े-बड़े गड्ढों के कारण रात में हो रहे हादसे

ग्रामीण अंचल की सड़कें मरम्मत के अभाव में सड़क दम तोड़ चुकी हैं। सड़क पर बने गड्ढे मुसीबत बने हुए हैं। जर्जर सड़क के चलते वाहन चालक आए दिन हादसे के शिकार हो रहे हैं। हल्की बारिश हुई तो मार्ग पर चलना जोखिम भरा रहता है।

बालोदAug 02, 2019 / 11:34 pm

Chandra Kishor Deshmukh

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मरम्मत के अभाव में अंचल की सड़कों ने तोड़ा दम, बड़े-बड़े गड्ढों के कारण रात में हो रहे हादसे

बालोद @ patrika. ग्रामीण अंचल की सड़कें मरम्मत (Repairs) के अभाव में सड़क दम तोड़ चुकी हैं। सड़क पर बने गड्ढे (Pit) मुसीबत बने हुए हैं। जर्जर सड़क के चलते वाहन चालक आए दिन हादसे के शिकार हो रहे हैं। हल्की बारिश हुई तो मार्ग पर चलना जोखिम भरा रहता है। लगभग 10-12 सालों से सड़क की मरम्मत नहीं होने के कारण सड़कों की यह हालत हुई है। रात में गड्ढों वाली सड़क पर चलने से दुर्घटनाएं होती रहती है।
बजट में 90 करोड़ मंजूर, नहीं मिली प्रशासकीय स्वीकृति
प्रदेश सरकार ने बजट में जिले की 17 सड़कों का नए सिरे से डामरीकरण करने शामिल किया है। शासन ने बजट में 90 करोड़ की स्वीकृति दी है। इन 90 करोड़ में 63 किमी सड़क का नवनिर्माण करने सर्वे कर पीडब्ल्यूडी विभाग ने राज्य शासन को भेज दिया है लेकिन अभी तक इन सड़कों के नवनिर्माण के लिए प्रशासकीय स्वीकृति नहीं मिली है। नतीजा यह है कि आज भी इस मार्ग से गुजरने वाले लोग बड़ी परेशानी से आना जाना कर रहे है।
ग्रामीणों ने दी आंदोलन की चेतावनी
ग्राम सहित आसपास लोगों को मजबूरीवश इस मार्ग से आवागमन करना पड़ रहा है, जो कई बार दुर्घटना का कारण भी बन जाता है। वाहन चालक रात को आवागमन करते समय गिरकर चोटिल हो रहे हैं। सड़क की हालत देखकर लोगों में रोष है। बरसात से पहले मार्ग की मरम्मत हो जाती तो ग्रामीणों को परेशानी नहीं होती। ग्राम तवेरा के ग्रामीण सड़क मरम्मत (Construction) की मांग को लेकर कलक्टोरेट आए थे। प्रशासन को 15 दिनों की चेतावनी दी थी। 15 दिन में सड़क की मरमत नहीं हुई तो उग्र आंदोलन करेंगे।
सड़क के लिए मंजूर राशि
रेंगाडबरी-मंगचुवा तक 5.6 किमी सड़क का निर्माण (Construction) 7 करोड़ की लागत से होगा। मंगचुवा से कमकापार तक 4.5 किमी सड़क का निर्माण 6 करोड़ की लागत से होगा। खेरीडीह से कापसी, सोरली, तक 5.6 किमी सड़क का निर्माण 7 करोड़ की लागत से होगा। इसके अलावा 14 और सड़कों का नवनिर्माण होगा, जो 63 किमी तक बनेगी। इन सड़क निर्माण के लिए शासन ने 90 करोड़ बजट (Budget) में पास किए हैं और अब शासन से प्रशासकीय स्वीकृति के इंतजार में हैं।
स्वीकृति के बाद होगी आगे की कार्रवाई
पीडब्ल्यूडी के एसडीओ बीके गोटी ने बताया कि शासन ने 17 सड़कों को नवनिर्माण के लिए बजट में शामिल किया है। हमने सर्वे कर शासन को रिपोर्ट दे दी है। शासन से प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद ही आगे की कार्यवाही होगी।
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कीचड़ से सने कपड़े पहनकर स्कूल जाते हैं बच्चे
जिले के बेलौदी से सतमरा व सतमरा से सियनमरा, अरमरीकला और अरमरीकला से जेवरतला, भोथली मार्ग में तो चलना ही दूभर हो गया है। यहां रोजाना बच्चे इसी मार्ग से साइकिल से होकर स्कूल व कॉलेज जाते हैं। घर से तो बच्चे साफ -सुथरे कपड़े पहन कर जाते हैं, लेकिन जब स्कूल पहुंचते हैं तो कीचड़ से सने रहते हैं। कारण गड्ढेयुक्त सड़क हैं, जब बड़े वाहन चलते हैं तो गड्ढे में भरे गंदा पानी सीधे बच्चों पर छिटकता है। यही हाल निपानी से सुर्रा, तमोरा, नागाडबरी मार्ग का है।
उबड़-खाबड़ सड़क से स्कूल जाते हैं विद्यार्थी
मार्ग पर छोटे-बड़े खाईनुमा गड्ढे की भरमार है। मार्ग पर डामर की परतें उखड़ गई हैं। बारिश से रास्ते पर जलजमाव की स्थिति से मार्ग और भी खतरनाक हो गया है। इससे आए दिन वाहन चालक गड्ढों के जाल में फंस कर चोटिल हो रहे हैं। इसका मुख्य कारण गांरटी अवधि के बाद भी मार्ग की मरम्मत नहीं हो पाना है। जगह-जगह गड्ढे व नुकिले पत्थर झांकने लगी है। ऐसे में इस मार्ग से आवागमन करने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। आसपास गांव के ग्रामीणों ने कई बार जिला प्रशासन से लेकर ग्राम सुराज, जन समस्या शिविर में मार्ग की मरम्मत की गुहार लगा चुके हैं, लेकिन विभागीय उपेक्षा के चलते इस ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

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