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बालोद

इस बार फिर कहीं कोई गुड़िया न बन जाए दुल्हन

बीते आठ साल में 34 बाल विवाह के मामले सामने आए, जो गंभीर बात है। वहीं बढ़ते आंकड़ों ने जिला प्रशासन व महिला बाल विकास विभाग को चिंता में डाल दिया है।

बालोदApr 06, 2024 / 11:43 pm

Chandra Kishor Deshmukh

रामनवमी और अक्षत तृतीया पर प्रशासन अलर्ट, प्रशासन विशेष बैठक लेकर गांवों के पंच-सरपंच, मितानिनों को ग्रामीणों को जागरूक करने कहेगी

इस बार फिर कहीं कोई गुड़िया न बन जाए दुल्हन

child marriage बालोद जिले में प्रचार-प्रसार के बाद भी बाल विवाह रुकने का नाम नहीं ले रहा। बाल विवाह के हर साल मामले सामने आने लगे हैं। वहीं हर साल की तरह इस साल भी बाल विवाह रोकने आगामी दो तीन दिनों में जिला प्रशासन भी इस विषय पर विशेष बैठक करने की योजना बनाई है। जिले में बीते आठ साल में 34 बाल विवाह के मामले सामने आए, जो गंभीर बात है। वहीं बढ़ते आंकड़ों ने जिला प्रशासन व महिला बाल विकास विभाग को चिंता में डाल दिया है। हालांकि इन सभी मामलों में बाल विवाह होने से रोका गया है। वहीं अब रामनवमी व अक्षय तृतीया का पर्व भी आने वाले है। 17 अप्रैल को राम नवमी व 10 मई को अक्षय तृतीया है। इसमें ही सबसे ज्यादा बाल विवाह की शिकायतें मिलती है। इन पर्वों को देखते हुए विभाग अभी से अलर्ट हो गया है।

प्रशासन सक्रिय, बालिका वधू बनने से नहीं रोक पाते
बाल विवाह को लेकर जिले में प्रशासन सतर्क है। लेकिन अभी भी गांव क्षेत्रों में ग्रामीणों को और जागरूक करने की जरूरत है। क्योंकि जितने भी बाल विवाह के मामले सामने आ रहे है। वह ग्रामीणों क्षेत्रों से ही बाल विवाह के मामले सामने आ रहे हैं। हालांकि प्रशासनिक सक्रियता के चलते बाल विवाह होने रोका गया है। कुछ ऐसे भी मामले आए, जिसमें बारात को दुल्हन की चौखट से वापस घर लौटना पड़ा क्योंकि दुल्हन नाबालिग थी। ये मामले जो सामने आए हैं पर कुछ मामले तो सामने भी नहीं आए।

टीम समझाइस व काउंसिलिंग तक सीमित
महिला बाल विकास विभाग की टीम को जैसे ही बाल विवाह की सूचना मिलती है तो तत्काल विवाह स्थल या फिर दूल्हा-दुल्हन के घर जाकर इस मामले पर काउंसलिंग करते है। वहीं दूल्हा- दुल्हन के अलावा परिजनों को समझाइश देकर छोड़ देते हैं। अभी तक बाल विवाह के मामले में बाड़ी कार्रवाई नहीं हुई है। कुरीति होने के बावजूद बाल विवाह की ओर लोगों का रुझान अभी भी है।

सरकार के निर्देश, न हो बाल विवाह, लोगों को करें जागरूक

राज्य सरकार ने बीते माह ही जिला प्रशासन व महिला बाल विकास विभाग को भी पत्र जारी कर निर्देश दिए है कि बाल विवाह किसी भी हालत में न हो। हर गांव में पंच-सरपंच, ग्रामीणों व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों के साथ मिलकर ग्रामीणों को बाल विवाह के विपरीत प्रभाव व रोकथाम के लिए जागरूक करने निर्देश जारी किए गए हैं।

बढ़ रहे बाल विवाह के प्रयास

जिले में बाल विवाह की कोशिशें लगातार बढ़ रही हैं। इन आंकड़ों को देखने से ही स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है। वर्ष 2015 से 2023 अब तक जिले में शादी सीजन में महिला एवं बाल विकास विभाग व पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा सूचनाओं के आधार पर 33 बाल विवाह रुकवाए गए हैं। इन मामलों में कुछ प्रकरण तो वे भी थे जिनमें वरमाला के बाद मंडप में पाणिग्रहण संस्कार की रस्में भी शुरू हो गई थीं। यदि कुछ मिनट और टीम नहीं पहुंचती तो शादी के संस्कार पूरे हो गए होते। लेकिन इन मामलों में भी केवल समझाइश देकर कार्रवाई पूरी कर ली गई।

जानें… किस साल कितने रोके गए बाल विवाह

साल – रोके गए बाल विवाह
2015-16 – 05
2016-17 – 08
2017-18 – 02
2018-19 – 01
2019-20 – 04
2020-21 – 02
2021-22 – 08
2022-23 – 04

यह है बाल विवाह के कुछ रोचक मामले

केस 1 – युवक 18 साल 10 माह का था

बीते साल जिले के गुंडरदेही विकासखण्ड के रनचिराई थाना अंतर्गत एक गांव में वेलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को एक युवक दूल्हा बनने की तैयारी कर रहा था। शादी की तैयारी लगभग पूरी हो गई थी। शादी कार्ड बंट गया था। लेकिन वेलेंटाइन डे पर शादी की खुशी मायूसी में बदल गई। क्योंकि युवक नाबालिग निकला शादी होने वाले युवक का उम्र 18 साल 10 माह का था। इसकी सूचना महिला बाल विकास की टीम को पता चला जिसके बाद तहसीलदार, थाना प्रभारी व बाल संरक्षण अधिकारी की टीम गांव पहुंचकर परिजनों की उपस्थिति में शादी रोक दी गई।

केस 2 – दुल्हन की हाथों में रची थी मेहंदी, दूल्हा बारात आने की कर रहा था तैयारी, पर दुल्हन निकली नाबालिग

बीते साल बालोद ब्लॉक के एक गांव में एक लड़की की शादी थी और इसी दिन दूल्हा बारात के साथ आने वाला था। दूल्हे के सिर पर सेहरा सज गया था। बाराती गाड़ी भी सज कर तैयार थी। दूल्हा हाथों में मेहंदी, सेलवानी पहनकर बस बारात निकलने को तैयार था, वही दुल्हन भी अपने होने वाले पति के नाम की मेहंदी रचा कर बारात का इंतजार कर रही थी। लेकिन बारात की जगह अचानक महिला बाल विकास की टीम पहुंच गई और बारात आने से मना कर दिया गया। जब पता चला कि दुल्हन नाबालिग है तो शादी रुकवा दी गई। बालिग होने पर शादी रचाई गई।

बाल विवाह में आ रही कमी
महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने कहा कि बाल विवाह में कमी आ रही है। लोगों में जागरूकता आ रही है। इस बार भी हर गांव व शहर में टीम तैनात की है। वहीं बाल विवाह के संबंध में जल्द ही बड़ी बैठक भी हो सकती है।

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