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बालोद

जल्द ही जिले के दो दर्जन पुल-पुलियों के भी आएंगे अच्छे दिन

बालोद जिले के नालों पर बने रपटे और पुल-पुलियों के भी अच्छे दिन आएंगे। जिला प्रशासन ने जिले के ऐसे रपटे, पुल और पुलियों की सुध ली है जो जर्जर अवस्था और कम ऊंचाई पर स्थित है।

बालोदSep 22, 2019 / 12:17 am

Chandra Kishor Deshmukh

जल्द ही जिले के दो दर्जन पुल-पुलियों के भी आएंगे अच्छे दिन

जल्द ही जिले के दो दर्जन पुल-पुलियों के भी आएंगे अच्छे दिन

बालोद @ patrika. जिले के नालों पर बने रपटे और पुल-पुलियों के भी अच्छे दिन आएंगे। जिला प्रशासन ने जिले के ऐसे रपटे, पुल और पुलियों की सुध ली है जो जर्जर अवस्था और कम ऊंचाई पर स्थित है।

ग्रामीणों को होती है परेशानी
ऐसे जर्जर पुलियों पर बारिश में बाढ़ आने पर आसपास के गांवों का संपर्क टूट जाता था और ग्रामीणों को परेशानी होती है।हाल ही में जिले में भारी बारिश के बाद आधा दर्जन पुल पर चार से पांच फीट तक पानी बह रहा था जिससे एक सप्ताह तक ग्रामीणों का आवागमन बंद हो गया था।

जिला प्रशासन ने 22 पुल-पुलियों की सूची राज्य शासन को भेजी
जिला प्रशासन ने ऐसे 22 पुल-पुलियों की सूची राज्य शासन को भेजी है। बहुत जल्द ही मरम्मत और नए पुल बनाने का प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। शासन के निर्देश पर कलक्टर रानू साहू ने जिले के 22 ऐसे पुलियों और रपटे की जानकारी मांगी है जो ज्यादा बारिश होने पर डूब जाते और मार्ग बंद हो जाता है।

बोरी सेमरिया नाला पर बनेगा पुल
जिले के ग्राम बोरी में सेमरिया नाला पर बने 25 साल पुरानी पुलिया जर्जर हो चुकी है। यहां बड़ा पुल बनाने की योजना है। पुल का नक्शा भी तैयार हो गया है। यहां लगभग 8 मीटर लंबा व 8 मीटर चौड़ा पुल बनेगा। इसका प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। केंद्र से अंतिम अनुमति मिलते ही काम शुरू किया जाएगा। प्रधान मंत्री सड़क योजना के ईई सुनील नामदेव ने बताया कि अगर केंद्र से अनुमति नहीं मिली तो स्टेट फंड से इसे बनाने कार्यवाही चल रही है। जिस तरह से प्रयास चल रहा है उससे यही उम्मीद लगा रहे है कि यहां जल्द ही पुल बनेगा।

22 पुल और रपटे का एस्टीमेट शासन को भेजा गया
जिला प्रशासन ने जिले के ऐसे नदी नालों का चिन्हांकन किया गया है जहां बाढ़ आने पर पुल और रपटा डबू गए थे। जिला प्रशासन के पास ऐसे 22 पुल और रपटे की सूची है जो बाढ़ में डूब गए थे और कई दिनों तक आवागमन बंद हो गया था। चिन्हांकित पुल व रपटे पर पुल बनाने का स्टीमेट शासन को भेज दिया गया है। इसी तरह कुछ पुल और पुलियों का निर्माण प्रधान मंत्री सड़क योजना के तहत किया जाएगा।

मिलेगी ग्रामीणों को राहत
जिले के सभी चिंहित 22 जगहों पर पुल पुलिया बन जाने से आसपास गांवों के ग्रामीणों को काफी राहत मिलेगी। पुल की ऊंचाई कम होने के कारण हर साल बारिश में दो दर्जन पुल पानी में डूब जाता है।


पानी संरक्षित करने नदी-नालों में बनाएंगे तालाब, डबरी और चेकडेम
जिले के नदी नालों में अब जल संरक्षण के लिए जिला पंचायत और जनपद पंचायत तालाब व चेक डेम बनाएंगे। जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर ने पत्रिका से कहा कि जिले में भूजल स्तर की स्थिति बेहद गंभीर है। जिसे देखते हुए अब नई पहल की जा रही है। जिलेभर में जितने भी नदी नाले हैं। सभी में मनरेगा के तहत तालाब, डबरीे व चेक डेम का निर्माण किया जाएगा जिससे नदी नाले में बहने वाला पानी व्यर्थ न जाए बल्कि पानी इन चेकडेम, तालाब व डबरी में जाए। इससे भूजल स्तर बढ़ाने में मदद मिलेगी।

10-10 नदी नाले का चयन करने के निर्देश
इस बेहतर योजना के लिए जिला पंचायत सीईओ ने योजना भी तैयार कर की है। इसके तहत जिले के सभी पांच जनपद बालोद, गुरुर, गुंडरदेही, डौंडी व डौंडीलोहारा जनपदों को 10-10 नदी नाले का चयन करने के निर्देश दिए गए हैं। अभी पूरा काम जिले में भूजल स्तर बढ़ाने में ही किया जा रहा है। क्योंकि यह एक बेहद गंभीर स्थिति है। इस ओर कदम नहीं बढ़ाया गया तो आने वाले समय में गंभीर स्थिति हो जाएगी।

नदी नाले के अंत तक बनेंगे डबरी व तालाब
जानकारी के मुताबिक जिले के ऐसे नदी-नाले जिनका उदगम स्थल व जिले के प्रवाह क्षेत्र से लेकर उनके अंतिम क्षेत्र तक है, उनका जीर्णोद्धार व पुनरुद्धार करने के लिए योजना बनाई है। नदी नाले जहां से शुरू हुए हैं, वहाँ से उसके अंत तक जगह-जगह डबरी, चेक डेम व तालाब बनाए जाएंगे। बारिश के दिनों में नदी-नाले में चलने वाला पानी इन जगहों में भरेगा।

जल्द होगी इस मामले पर बैठक
जिला पंचायत सीईओ लोकेश चंद्राकर ने कहा कि जल्द ही इस पर जनपद सीईओ, मनरेगा अधिकारी एवं पीओ की बैठक लेंगे। किस तरह से कार्य करना है, इसकी जानकारी दी जाएगी।

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