गौरतलब है कि भ्रष्टाचार की इमारत के रूप में स्थापित हो चुका रामानुजगंज के कन्हर नदी पर बना एनिकट जो आज तक पूर्ण नहीं हो सका। इसके निर्माण में करीब 8 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं एवं बनने के बाद दो बार टूट चुका है यह आज किसी उपयोग का नहीं रहा। यह एनिकट नगर वासियों के लिए वरदान के जगह अभिशाप साबित हो रहा है।
पानी कम होने के बाद भ्रष्टाचार की पोल खुली
एनिकट में पानी कम होने के बाद भ्रष्टाचार की पोल अब खुलने लगी है। एनिकट डाउन स्ट्रीम फ्लोर की दीवार टूटी हुई है, वह अब दिखने लगी है। वहीं डाउनस्ट्रीम फ्लोर का फर्श जो बना ही नहीं, वह भी अब स्पष्ट रूप से दिखने लगा है, यही नहीं मुख्य स्ट्रक्चर में भी नीचे की ओर सुराग बन गया है। एनिकट के मुख्य स्ट्रक्चर के नीचे बना सुराग ही एनिकट के भविष्य पर अब प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है।
8 करोड़ रुपए बहा दिए पानी में
जल संसाधन विभाग द्वारा बना कर एनिकट भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। 8 करोड़ की लागत से बना एनिकट आज किसी काम का नहीं रहा। विभाग द्वारा 8 करोड़ रुपए पानी में बहा दिए गए।
कई बार उठाई आवाज लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई
एनिकट में हुए भ्रष्टाचार की आवाज हम लोगों द्वारा कई बार उठाई गई परंतु आज तक इसमें जांच नहीं किया जाना दुर्भाग्यनक है। एनिकट के निर्माण की उच्च स्तरीय जांच किए जाने की आवश्यकता है।
अरविंद दुबे, वरिष्ठ नेता, कांग्रेस
निर्माण में खुलेआम किया गया भ्रष्टाचार
एनिकट के निर्माण में खुलेआम भ्रष्टाचार किया गया है। इस कारण एनिकट आज किसी भी उपयोग का नहीं रहा है एवं दो-दो बार टूट चुका है। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से कर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की जाएगी।
गोपाल गुप्ता, जिलाध्यक्ष, कांग्रेस
एनिकट का पानी सूखने से हैं चिंतित
एनिकट सूखने की कगार पर है, इससे हम काफी चिंतित हैं। नगर पंचायत की जल प्रदाय व्यवस्था पूर्णत: कन्हर नदी पर आश्रित है ऐसे में हम लोग को नियमित जल प्रदाय करना एक बड़ी चुनौती होगी। एनिकट में हुए भ्रष्टाचार की जांच की आवश्यकता है।
रमन अग्रवाल, अध्यक्ष, नगर पंचायत रामानुजगंज
जांच में खुलेंगी भ्रष्टाचार की परतें
एनिकट का निर्माण नगर में उत्पन्न होने वाले भीषण जल संकट से उबरने के लिए किया गया था, परंतु भ्रष्टाचार के कारण एनिकट वरदान की जगह अभिशाप बन गया है। अगर एनीकट की जांच होती है तो भ्रष्टाचार की कई परतें खुलेंगी।
प्रमोद केशरी, सामाजिक कार्यकर्ता