बलरामपुर जिले के ग्राम चिनिया निवासी पूर्व सरपंच कलावती देवी पति लक्ष्मण सिंह 65 वर्ष मंगलवार की सुबह करीब 8 बजे अपने घर से करीब 1 किलोमीटर दूरी पर महुआ बीनने गई थी। वहीं अन्य लोग भी महुआ बीनने गए थे। जब लोगों को पता चला कि इस रास्ते से हाथी गुजरा है तो सब वहां से धीरे-धीरे चले गए।
वहीं कलावती यह बात नहीं जान पाई व महुआ बीनती रही और वह हाथी की चपेट में आ गई। हाथी ने महुआ बीनने के स्थल से करीब 100 मीटर की दूरी पर घसीटते हुए महिला को कुचल दिया।
इससे उसकी मौत हो गई। महिला को महुआ बीनने के बाद दोपहर 3 बजे तक घर लौट जाना था। जब वह घर नहीं लौटी तो पति एवं अन्य लोग खोजने निकले, लेकिन उसका पता नहीं चल पाया।
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झाडिय़ों में मिला शव
दोबारा शाम 6 बजे से फिर ग्रामीणों ने उसे खोजना शुरू किया तो लगभग 7.30 बजे उसका शव झाड़ी में मिला। इसकी तत्काल सूचना वन विभाग को की गई। घटनास्थल पर डीएफओ विवेकानंद झा, उपवनमंडलाधिकारी अशोक तिवारी, रेंजर संतोष पांडे व वन अमला पहुंचा।
मृतका के परिजनों को 25 हजार की तात्कालिक सहायता राशि दी गई। दरअसल कन्हर नदी पार करके आसानी से झारखंड से हाथी छत्तीसगढ़ की ओर आ जाते हैं। वहीं यहां से पुन: झारखंड की ओर चले जाते हैं, ऐसे में पिछले बरसात से लगातार रामानुजगंज वन परिक्षेत्र के चार सर्किलों में हाथियों का आना-जाना लगा हुआ है।
ग्राम चाकी में बाल-बाल बची महिला
ग्राम चाकी के प्राथमिक शाला स्कूल के पास अपने घर के बाहर महिला सोई हुई थी। इसी दौरान मंगलवार की सुबह ४ बजे हाथी ने अपने सूंड से महिला को लपेटना चाहा परंतु चादर फंस गया, इसी दौरान महिला मौके का फायदा उठाते हुए उठकर अपने घर में घुस गई। इससे उसकी जान बाल-बाल बच गई।
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‘मुनादी करा रहा वन अमला’
क्षेत्र में हाथियों के मूवमेंट को देखते हुए वन विभाग अलर्ट मोड पर है। इस संबंध में जानकारी देते हुए रेंजर संतोष पांडे ने बताया कि वन विभाग द्वारा लगातार मुनादी कर ग्रामीणों को हाथियों के नजदीक जाने से रोका जा रहा है। वहीं हमारा अमला हाथियों के विचरण पर नजर रखे हुए है।