इस मंदिर की ये है मान्यता
राजपुर के ओकरा कोठी पत्थल शिव मंदिर में करीब 37 वर्ष से पूजा-पाठ की जा रही है। बताया जाता है कि यहां एक पीपल पेड़ के नीचे एक शिवलिंग जमीन से निकला, इसके बाद मंदिर बनाकर ग्रामवासियों ने पूजा-पाठ शुरू कर दी।
इसके बाद एक-एक कर करीब दर्जनभर शिवलिंग यहां खुद ही जमीन से निकल आए जिस पर यह भक्तों की आस्था का बड़ा केंद्र बन गया। यहां हर
महाशिवरात्रि पर मेला लगने लगा। इस बार भी मेले में राजपुर सहित आस-पास के श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।
भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। ग्रामीणों ने यहां आपसी सहयोग से एक प्रतीक्षालय का निर्माण कराया है और प्रशासन से इस स्थल पर और सुविधाएं और मंदिर को बेहतर स्वरूप देने की मांग की है।
मंदिर में लगा भक्तों का तांता
महाशिवरात्रि के दिन सुबह से ही मंदिर प्रांगण में भक्तों का तांता लगा रहा। समिति द्वारा भंडारे का भी आयोजन किया गया। इसमेंं बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने शामिल होकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके साथ ग्राम नवकी पावर हाउस के पास शिव मंदिर में सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा, यहां पुजारी पंकज मिश्रा द्वारा पूजा कराई गई। राजपुर महामाया मन्दिर प्रांगण में शिव मंदिर में भी सुबह से श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा।
सेवारी शिव मंदिर में राजेश्वर गुप्ता के नेतृत्व में पूजा कराई गई। ग्राम धंधापुर शिवपुर शिव मंदिर, गेउर नदी शिव मंदिर, हरितिमा शिव मंदिर, कुसमी मार्ग बूढ़ाबगीचा शिव मंदिर, बांटीडांड़ शिव मंदिर में भी पूजा-अर्चना की गई।
यहां के धार्मिक आयोजन में देव शरण राम, महेंद्र अग्रवाल, राधेश्याम अग्रवाल, संजय सिंह, संतोष सिंह, सुरेश सोनी, सुधीर अम्बष्ट, पूरनचंद जायसवाल, श्यामलाल गुप्ता, मनोज अग्रवाल, लीलू अग्रवाल, योगेश गुप्ता, टीटू अग्रवाल, प्रमोद ठाकुर, बीरबल राम, धनसी राम, विजय गुप्ता, शिव गोपाल राम, रामचंद्र साव, अजय सांडिल्य, कृष्णा टेकाम, दशरथ दास, दुर्योधन राम, रामविलास, ओम प्रकाश, सुरेंद्र सिंह, मुन्ना रवि व अन्य लोग सक्रिय रहे।