इसी दौरान रास्ते में उसकी मौत हो गई। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे तो डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। युवती का शव घर तक लाने उसे मुक्तांजलि तक नसीब नहीं हुई, जबकि वहां वाहन मौजूद था। इस कारण मोटी रकम खर्च कर किराए के वाहन से शव को घर तक लाना पड़ा।
सामरी थाना क्षेत्र के ग्राम बाटा निवासी पूर्व महिला सरपंच की बेटी प्रियंका टोप्पो पिता जॉन प्रकाश टोप्पो शनिवार की रात भोजन करने के बाद अपने कमरे में जमीन पर सो रही थी। इसी दौरान देर रात को उसे जहरीले सर्प ने डस लिया। उसे दर्द का एहसास हुआ किन्तु नींद के कारण वह उठ नही पाई। जब वो रविवार की सुबह करीब 5 बजे उठी तो उसने अपने परिजनों को बताया कि उसे रात में किसी ने काटा है और उसे दर्द व जलन हो रही है।
देखते ही देखते उसकी हालत गंभीर होने लगी तो परिजन उसे निजी वाहन से कुसमी अस्पताल लेकर जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में कुसमी बाजार पारा के समीप उसकी मौत हो गई। सूचना पर कुसमी पुलिस ने मर्ग कायम कर शव का पीएम कराने के बाद परिजनों को सौंप दिया।
अस्पताल से शव घर तक लाने मुक्तांजलि की सुविधा होने के बाद भी वे उसका लाभ नहीं ले पाए। ऐसे में उन्हें मोटी रकम खर्च कर किराए के वाहन से शव को अस्पताल से करीब 25 किमी दूर स्थित गांव तक लाना पड़ा।
मुक्तांजलि का नहीं मिल रहा लाभ
गौरतलब है कि बलरामपुर जिले में मुक्तांजलि 1099 वाहन सहित शंकरगढ में एक अन्य शव वाहन की सुविधा शासन द्वारा उपलब्ध कराया गया है। इसके बावजूद विभाग द्वारा न तो इसका प्रचार-प्रसार किया जाता है और न ही जरूरतमंदों को समय पर इसकी जानकारी दी जाती है।
जानकारी के अभाव में मुश्किल व दुख की घड़ी में उन्हें रुपए भी खर्च करना पड़ता है। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, इसके बावजूद प्रशासन व जनप्रतिनिधियो द्वारा इस ओर
ध्यान नहीं दिया जा रहा है।